नोटबंदी: खोदा पहाड़ निकली चुहिया
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: किसी ने नोटबंदी को खोदा पहाड़ निकली चुहिया कहा है. किसी ने कहा आम आदमी कैशलेस हो गया को किसी ने कहा इससे सरकार को 2.5 लाख करोड़ टैक्स के रूप में मिल सकते हैं. सबके अपने-अपने तर्क, अनुभव और दर्शन हैं जिसके अनुसार वे नोटबंदी पर अपने मत रख रहें हैं.
इस बीच जनता की आवाज़ बैंकों और एटीएम की लाईन में दबकर रह गई है. वैसे भी लोकतंत्र में जनता से केवल वोट अपने पक्ष में मतदान करने को कहा जाता है उसका मत नहीं पूछा जाता है.
इसी कारण से जब भी खबरें बनती है ऊंचे पदों आसीन लोगों के मत-मतान्तर के आधार पर ही बनती है. अब इनमें से कोई जनता के लिये कह रहा है कौन अपने लिये इसे जनता को ही समझ लेना पड़ेगा. बहरहाल आज के मत-
खोदा पहाड़ निकली चुहिया- पी चिदंबरम
पूर्व वित्त चिदंबरम ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुये कहा है “नोटबंदी ने गरीब जनता की कमर तोड़ दी है. ये खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी स्थिती है. जितना नुकसान प्राकृतिक आपदा से नहीं हो सकता था, इससे हुआ है.”
सरकार पर अपने हमले तेज़ रखते हुए पी चिदंबरम ने कहा, “ये सरकार का बेवकूफी भरा फैसला है. किसी के पास इसके लिये एक भी अच्छा शब्द नहीं है. ये एक अविवेकपूर्ण फैसला है. सभी बड़े अखबरों और अर्थशास्त्रियों ने इसकी आलोचना की है.”
सरकार के फैसले के औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए पी चिदंबरम ने पूछा कि कैसे नोटबंदी से देश का फायदा होगा? उन्होंने पूछा, “क्या इससे भ्रष्टाचार और कालाधन रुक गया है? नोटबंदी से इसपर रोक नहीं लग सकती. सिर्फ गरीब जनता को सजा मिल रही है.”
पी चिदंबरम ने दावा किया कि सरकार का नोटबंदी का फैसला फेल रहा है और अब वो लगातार अपना गोल पोस्ट बदल रही है. उन्होंने कहा, “नोटबंदी से कालेधन खत्म नहीं हुआ… इसलिये अब वे लोग कैशलेस अर्थव्यवस्था की बातें कर रहे हैं.”
आम जनता को नकदी की हो रही दिक्कतों पर पी चिदंबरम ने कहा कि क्या सरकार ने ये पता लगाया कि लोगों को कितने कैश की जरूरत है? पी चिदंबरम ने पूछा, “सरकार ने एक शख्स के 24000 रुपये निकाले की लिमिट को किस बुनियाद पर तय किया? जबकि बैंक इतना पैसे देने में सक्षम नहीं थे. इससे 45 करोड़ लोग प्रभावित हैं. इसकी भरपाई कौन करेगा?”
आम जनता कैशलेस हो गई- राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के दादरी स्थित नवी अनाज मंडी में आज एक जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी के जरिये गरीबों के खिलाफ जंग छेड़ दी है.
उन्होंने कहा, जो इमानदार लोग हैं, उन सबको नरेंद्र मोदी जी ने लाइन में खड़ा कर दिया है. राहुल गांधी ने लोगों से पूछा, “क्या आपने एक भी अमीर आदमी को लाइन में खड़ा पाया?” राहुल ने आरोप लगाया कि आम लोगों को जहां बैंक से 2000 रुपये निकालने के लिये घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है, वहीं भ्रष्टाचारी बैंकों में पिछले दरवाजे से जाकर 50-100 करोड़ रुपये निकाल रहे हैं.
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री के बयान हर दिन बदल रहे हैं. पहले यह काले धन के खिलाफ लड़ाई थी, फिर आतंकवाद और अब कैशलेस सोसाइटी बनाने की बात होती है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री कैशलेस सोसाइटी की बात करते हैं, इस कदम से सोसायटी तो अभी ही कैशलेस हो गई.”
राहुल गांधी ने कहा, “कुछ बड़े कारोबारियों ने बैंक से 8 लाख करोड़ का कर्ज ले रखा है, जो वे लौटा नहीं रहे. प्रधानमंत्री उनसे पैसा वसूल नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने ही उनकी मार्केटिंग की थी. इसलिए प्रधानमंत्री ने आपको लाइन में खड़ा करा दिया, ताकि बैंक काम कर सकें.”
नोटबंदी से सरकार को 2.5 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं- केवी कामथ
आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन केवी कामथ ने दावा किया कि नोटबंदी के चलते सरकार को 2.5 लाख करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिल सकते हैं. इसके अलावा लंबी अवधि तक ब्याज दरों के कम रहने का माहौल बन सकता है, टैक्स नियमों के पालन के मामले में स्थिति बेहतर हो सकती है और सरकारी बैंकों की हालत सुधर सकती है.
कामथ ने ईटी को दिए इंटरव्यू में कहा कि डिजिटल बैंकिंग को अपनाने से सरकार को बिग डेटा ऐनालिटिक्स के जरिये फंड फ्लो पर नजर रखने में मदद मिलेगी और सर्कुलेशन में रहने वाली करेंसी की मात्रा को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
कामथ ने कहा, “देश में करप्शन की समस्या से निपटने के लिए इस कदम की जरूरत थी. मेरी नजर में नकली करेंसी का मुद्दा इसके सामने दूसरे दर्जे पर आता है.”
उन्होंने कहा, “अगर मामला सर्कुलेशन में मौजूद रहने वाली करेंसी की मात्रा को घटाने और डिजिटल पेमेंट्स की ओर बढ़ने का भी है तो मुझे लगता है कि सरकार कई और कदम उठाने वाली है.”