दिल्ली में डेंगू का कहर जारी
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली में इन दिनों डेंगू रोग का कहर चल रहा है जिससे 10 मौतें हो चुकी हैं. वहीं डेंगू रोग से पीड़ित का कथित रूप से इलाज करने से इंकार करने वाले दिल्ली के पांच अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. छः वर्षीय अमन इस मौसम में डेंगू के कारण मरने वाला 10वां पीड़ित है. वह दक्षिण दिल्ली के श्रीनिवासपुरी इलाका का निवासी था. अमन के पिता मनोज शर्मा के अनुसार उनके बच्चे के डेंगू से पीड़ित होने का पता श्रीनिवासपुरी के एक निजी अस्पताल में चला था और उसे नौ सितंबर को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था. उधर, दिल्ली के पांच निजी अस्पतालों द्वारा कथित रूप से इलाज से इनकार किए जाने के कारण सात वर्षीय बच्चे अविनाश रावत की मौत और हादसे से दुखी उसके माता-पिता की आत्महत्या के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.
एक बयान में कहा गया कि सिसोदिया ने संभागीय आयुक्त को मामले की जांच और दिल्ली सरकार को सात दिन के भीतर संबंधित रिपोर्ट पेश करने के लिए स्थानीय उप खंड न्यायधीश को नियुक्त करने का निर्देश दिया है.
स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक ने पांच अस्पतालों मूलचंद खराती राम अस्पताल, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, साकेत सिटी अस्पताल, और इरीन अस्पताल को दिल्ली नर्सिग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.
वक्तव्य में कहा गया है कि जांच में यह पताया लगाया जाए कि दिल्ली के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को खास निर्देश दिए गए थे कि डेंगू से पीड़ित किसी भी मरीज को अस्पताल में दाखिल करने से इनकार नहीं किया जाए. उसके बाद भी बच्चे को इलाज मुहैया क्यों नहीं कराया गया.
सिसोदिया ने यह भी निर्देश दिया कि जांच में इसके लिए भी विकल्प सुझाए जाएं कि इस प्रकार की दुखद घटनाएं फिर न हों .
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि डेंगू या किसी अन्य खतरनाक बीमारी से पीड़ित सभी लोगों की चिकित्सा के इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं. उन्होंने डेंगू से न घबराने की जनता से अपील की. सरकारी अस्पतालों का अकस्मात मुआयना करने पहुंचे केजरीवाल ने कहा, “मैं दिल्ली की जनता से गुजारिश करता हूं कि घबराए नहीं. सरकार अस्पतालों में अतिरिक्त बिस्तरों और जगह का इंतजाम कर रही है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी मरीज को दाखिला न देने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
केजरीवाल ने कहा, “स्वास्थ्य सेवा देने से इंकार करने पर अस्पतालों को दंडित करने का कानून लाने के लिए हम दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकते हैं.”