दिल्ली: कार में 3 युवकों की रहस्यमय मौत
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली में सोमवार की शाम कार में अचेतावस्था में मिले लक्ष्मण, बलविंदर तथा निशांत की मौत हो गई है. मंगलवार को भी दिल्ली पुलिस इसका कारण बताने में असमर्थ है. दिल्ली पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
दिल्ली में सोमवार शाम तीन युवक एक कार में अचेतावस्था में मिले. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि कार के अंदर एसी चालू था. तीनों युवक अचेत पड़े थे और उनके मुंह से झाग निकल रहा था.
पुलिस के मुताबिक तीनों युवक सोमवार रात दक्षिणी दिल्ली स्थित आर. के. पुरम सेक्टर चार में होंडा सिटी कार के अंदर 9.30 बजे अचेतावस्था में मिले.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान लक्ष्मण सिंह 34 वर्ष, बलविंदर सिंह 35 वर्ष और निशांत दत्ता 25 वर्ष के रूप में की गई है. तीनों दक्षिणी दिल्ली के ही रहने वाले थे.
निशांत के एक रिश्तेदार ने बताया कि वे तीनों कार्यक्रम प्रबंधन के काम से जुड़े थे और किसी को 1.5 लाख रुपए का भुगतान करने वाले थे. लेकिन कार में कोई रकम नहीं मिली.
होंडा सिटी कार लक्ष्मण की थी, जिसे सबसे पहले उसके भाई कन्हैया ने देखा. कार कन्हैया की दुकान के दूसरी तरफ खड़ी थी.
कन्हैया द्वारा बार-बार कार का शीशा ठकठकाने के बाद भी जब कोई जवाब नहीं आया तो उसने परिवार के दूसरे लोगों को सूचना दी. लोगों ने अचेत पड़े तीनों युवकों को किसी तरह से बाहर निकाला, उनके मुंह से झाग निकल रहा था.
परिवार ने तुरंत घटना के बारे में पुलिस को सूचित किया और तीनों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया.
लक्ष्मण का घर आर. के. पुरम में है, जबकि बलविंदर वसंत कुंज और निशांत लक्ष्मी बाई नगर में रहते थे.
निशांत के एक रिश्तेदार ने बताया कि तीनों युवक खान-पान प्रबंधन के पेशे में थे और किसी को 1.5 लाख रुपए का भुगतान करने वाले थे, लेकिन कार से कोई रकम बरामद नहीं हुई.
निशांत के रिश्तेदार मनोज कुमार ने बताया, “उन्होंने कार में उल्टी भी की थी. तीनों कार के अंदर बैठे थे. कार से चिप्स के पैकेट, नूडल्स और पास्ता सहित कुछ चीजें मिली हैं.” उन्होंने कहा कि लक्ष्मण अपने भाई की दुकान से लगभग 7.30 बजे चिप्स के पैकेट खरीदकर लाया था.
एक रिश्तेदार के अनुसार पुलिस का कहना है कि कार के शीशे बंद थे और अंदर एसी चल रही थी. मामले की जांच कर रहे अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि कहीं उन तीनों की मौत कार्बन मोनोक्साइड की अधिकता में दम घुटने से न हुई हो, क्योंकि वहां किसी तरह की हाथापाई या संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं.