डिग्री विवाद साजिश: तोमर
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री तोमर का आरोप है कि डिग्री विवाद मोदी सरकार की साजिश है. दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को लेकर दिल्ली पुलिस बुधवार की सुबह लखनऊ पहुंची. यहां से उन्हें फैजाबाद ले जाया जा रहा है, जहां फर्जी डिग्री मामले में पूछताछ की जाएगी. सूत्रों का कहना है कि जितेंद्र तोमर को पुलिस कस्टडी में बुधवार को फैजाबाद अवध यूनिवर्सिटी ले जाया जाएगा और उनकी डिग्री की पड़ताल की जाएगी. तोमर चार दिनों की रिमांड पर हैं और समझा जा रहा है कि इन्हीं चार दिनों के अंदर दिल्ली पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए फैजाबाद के अलावा भागलपुर, मुंगेर और बुंदेलखंड भी ले जा सकती है. केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चल रहे टकराव के बीच मंगलवार को एक और नाटकीय घटनाक्रम सामने आया, जब केंद्र सरकार की दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में दिल्ली सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को गिरफ्तार कर लिया. आम आदमी पार्टी ने तोमर की गिरफ्तारी को बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया है. महानगरीय दंडाधिकारी नवजीत बुद्धिराजा ने तोमर को पुलिस रिमांड पर भेज दिया. तोमर को हिरासत में लेने के लिए पुलिस ने दलील दी कि आम आदमी पार्टी के नेता प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जो कि मुक्त रहने पर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने अच्छा मौका देख आप का मजाक उड़ाया और मुख्यमंत्री केजरीवाल से इस घटना के कारण इस्तीफा देने की मांग की.
दिल्ली पुलिस ने सुबह में तोमर के दफ्तर से उन्हें हिरासत में लिया. इसके बाद उन पर धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और जालसाजी के मामले दर्ज किए. फिर नाटकीय अंदाज में उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
इस मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन घटनाक्रम से नाराज उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तोमर की गिरफ्तारी को गलत बताया और कहा कि उपराज्यपाल नजीब जंग केंद्र सरकार के इशारे पर राष्ट्रीय राजधानी में आपातकाल जैसा माहौल बना रहे हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस उपराज्यपाल को और केंद्रीय गृहमंत्रालय को रिपोर्ट करती है, न कि आप सरकार को.
इसी वर्ष फरवरी में दिल्ली की सत्ता संभालने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने पुलिस पर तोमर के साथ अशिष्टता करने का आरोप लगाया. दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी के बारे में सूचना तक नहीं दी गई.
उपमुख्यमंत्री मनीष ने कहा कि आप सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से घबराकर निहित स्वार्थी लोग गोलबंद हो रहे हैं और दिल्ली की जनता सब देख रही है.
सिसोदिया ने कहा कि तोमर की फर्जी डिग्री का मुद्दा अदालत में है, बावजूद इसके आज सुबह 40 पुलिसकर्मी उनके कार्यालय पहुंचे और उन्हें अपने साथ उठा ले गए, जैसे वह कोई भगोड़ा हों.
उन्होंने कहा, “पुलिस ने तोमर से कहा कि वे कुछ दस्तावेजों की तलाशी लेने आए हैं.. और उन्हें साथ चलने के लिए कहा. इसके बाद बीच रास्ते में उनके चालक से उतरने के लिए कहा और बताया कि मंत्री को हिरासत में लिया गया है.”
उन्होंने कहा, “पुलिस ने तोमर से कहा कि किसी से कहकर दस्तावेज पुलिस थाने में मंगवा लें.”
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह सब क्या हो रहा है? क्या तोमर कहीं भाग रहे थे? क्या उन्होंने दिल्ली में बम विस्फोट कराया है? उनके खिलाफ सिर्फ आरोप दर्ज हैं और मामला न्यायालय में है. आखिर उनको गिरफ्तार करने की जरूरत क्या थी?”
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह गिरफ्तारी गैरकानूनी है. यह आपातकाल जैसी स्थिति है. क्या इसे लोकतंत्र कहते हैं?..हो सकता है यह आप को सबक सिखाने के लिए किया गया हो कि देखो भ्रष्टाचार से निबटने का क्या अंजाम होता है.”
तोमर की गिरफ्तारी के बाद आप समर्थकों ने हौज खास पुलिस थाने पर प्रदर्शन किया. दक्षिणी दिल्ली के इसी थाने में पहले तोमर को रखा गया था. बाद में उन्हें वसंत विहार थाने स्थांतरित कर दिया गया, जहां पर आप नेता आशुतोष और कुमार विश्वास ने प्रदर्शन किया.
इस बीच तोमर का परिवार और आप के समर्थक बड़ी संख्या में वसंत विहार पुलिस थाने के बाहर इकट्ठा हो गए, जहां तोमर से पूछताछ चल रही थी.
तोमर की गिरफ्तारी ने दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच प्रशासन संबंधी अधिकार को लेकर जारी तनातनी की आग में घी का काम किया है. हालांकि अधिकारियों की नियुक्ति के अधिकार क्षेत्र का मामला भी न्यायालय में विचाराधीन है.
आप नेता संजय सिंह ने कहा, “यदि यह मामला फर्जी डिग्री का है, तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राम शंकर कठेरिया को भी बिना कोई नोटिस दिए पुलिस थाने ले जाना चाहिए.”
तोमर ने समाचार नेटवर्क सीएनएन-आईबीएन से कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार क्यों किया. उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी की छवि धूमिल करने के लिए किया गया है.
उल्लेखनीय है कि तोमर के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में दो मामले लंबित हैं. एक में उनपर विधि में स्नातक की फर्जी डिग्री के आधार पर अपना नाम अधिवक्ता के तौर पर पंजीकृत कराने का आरोप है, जबकि दूसरा मामला उनका निर्वाचन रद्द करने की अपील से संबंधित है. वहीं तोमर का कहना है कि उनकी कानून की डिग्री असली है.
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, “मामला पहले दिन से ही साफ है. लेकिन केजरीवाल ने आंखें मूद रखी थीं और उन्हें मंत्री के रूप में काम करने दिया.”
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, “यह पहली बार है जब किसी मंत्री को गिरफ्तार किया गया है.”
गिरफ्तारी वैध : बस्सी
दिल्ली पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी वैध है.
बस्सी ने कहा, “उन्हें कानून के दायरे में रहकर गिरफ्तार किया गया है.”