रक्षा मंत्रालय का दल पहुंचा बस्तर
जगदलपुर | संवाददाता : बस्तर के हालात का जायजा लेने राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय का 16 सदस्यीय दल आज जगदलपुर पहुंच गया है. यह दल बस्तर की तमाम परिस्थितियों का जायजा लेगा. इस अध्ययन दल में भारत सहित न्यूजीलैंड, इंलैण्ड, जापान, इक्वेडोर और बांग्लादेश के सैन्य अधिकारी भी शामिल है.
अध्ययन दल ने सर्वप्रथम जगदलपुर के मानव विज्ञान संग्रहालय पहुंचकर बस्तर संभाग के सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश एवं परिदृश्य को यहां प्रदर्शित प्रदर्शनी के माध्यम से प्रारंभिक रूप से समझा. संग्रहालय के अधिकारियों ने बताया कि बस्तर अंचल 39 हजार 114 वर्ग किमी तक विस्तृत है, जो अपने आकार की दृष्टि से केरल जैसे अनेक राज्य से भी बड़ा है. यहां की प्रमुख जनजाति मुरिया, हल्बा, भतरा, गदबा, अबूझमाडि़या, धुरवा, दंडामी माडि़या और दोरला हैं. अध्ययन दल ने यहां प्रदर्शित चित्रों और माडलों के माध्यम से बस्तर अंचल के विविध जनजातियों की वेशभूषा, रहन-सहन, रीति-रिवाज, आवास, दिनचर्या, नृत्य आदि की बुनियादी जानकारी प्राप्त की.
उन्होंने बस्तर के वाद्य यंत्र तोड़ी के साथ-साथ यहां के रीति-रिवाजों और जीवन से जुड़े अनेक बातों पर रूचि प्रदर्शित की. अध्ययन दल ने यहां के प्रदर्शनी के माध्यम से दी जाने वाली जानकारी के लिए संग्रहालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों को सराहा. अध्ययन दल ने इसके उपरांत आड़ावाल स्थित लायवलीहुड कालेज (सक्षम कौशल विकास केन्द्र) पहुंच कर यहां युवाओं को इलेक्ट्रिक, हैन्डीक्राफ्ट, कम्प्यूटर तथा सुरक्षा गार्ड जैसे विषयों पर दिए जाने वाले कौशल उन्नयन प्रशिक्षण को देखा और प्रशिक्षणार्थी युवक एवं युवतियों से बातचीत की.
केन्द्र के अधिकारी ने बताया कि इस केन्द्र में कक्षा 10 एवं 12वी के अलावा अन्य कक्षाओं में उत्तीर्ण युवक एवं युवतियों को उनके अच्छे जीवन यापन, रोजगार के साधन तथा आय बढ़ाने के साथ उनके आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्होंने बताया कि इस केन्द्र में युवाओं के लिए रहने तथा मेस की व्यवस्था निःशुल्क है. अध्ययन दल के सदस्यों ने युवतियों द्वारा कपड़े पर की जा रही कढ़ाई पर उनसे बातचीत की. उन्होंने निजी गार्ड का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं से भी उनके प्रशिक्षण की जानकारी ली और उनकी हौसला अफजाई की.
उल्लेखनीय है कि अध्ययन दल द्वारा ना केवल जिला स्तरीय अधिकारियों से बातचीत किया बल्कि दल द्वारा प्रवास के दौरान जिले के केन्द्रीय जेल का भी अवलोकन किया जायेगा. साथ ही साथ बस्तर के हस्तशिल्प, धान खरीदी, खेती-किसानी, उद्यानिकी, स्कूली शिक्षा आदि जैसे अन्य अनेक कार्यों का भी अवलोकन किया जाएगा.
इस प्रशिक्षण दल में ब्रिगेडियर नरिन्दर सिंह, हेमन्त प्रियदर्शी, न्यूजीलैण्ड आर्मी के कर्नल जॉन बासवेल, एयर कमोडोर मकरन्द रानाडे, ब्रिगेडियर आदोश कुमार, जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस, कर्नल हिरोनोबु तनका, ब्रिगेडियर तरूण कुमार आइच, बांग्लादेश आर्मी के ब्रिगेडियर जनरल इतेशआमुस समद चौधरी, कमोडोर राजाराम स्वामीनाथन, एम.बी.ई. यूनाइटेड किंगडम आर्मी के कर्नल सिमोन थॉमसेट, ब्रिगेडियर हरि सिंह, ब्रिगेडियर मानिक कुमार दास, ब्रिगेडियर ए. अरूण, इक्वाडोर ऑर्मी के कर्नल फ्रांसिस्को नौरूएज शामिल हैं.