छत्तीसगढ़ के क्वारंटिन सेंटर में अब तक 23 की मौत
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के क्वारंटिन सेंटर में मौतों का सिलसिला थमता नज़र नहीं आ रहा है. रविवार को गरियाबंद ज़िले के गोहरापदर क्वारंटिन सेंटर में 20 साल के एक श्रमिक ने कथित रुप से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.
पुलिस का कहना है कि युवक 31 मई को तेलंगाना से लौटा था. जिसे क्वारंटिन सेंटर में रखा गया था.
पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि युवक ने किन परिस्थितियों में फांसी लगाई है, इसकी जांच की जा रही है.
छत्तीसगढ़ में अब तक कोरोना के संक्रमण से 4 लोगों की मौत हुई है लेकिन क्वारंटिन सेंटरों में पिछले महीने की 14 तारीख़ से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है.
राज्य भर में 19 हज़ार से अधिक क्वारंटिन सेंटर बनाये गये हैं. लेकिन क्वारंटिन सेंटरों से लगातार शिकायतें आ रही हैं. कहीं पीने का पानी उपलब्ध नहीं है तो कहीं क्वारंटिन मज़दूरों को घर से खाना मंगाना पड़ रहा है.
हाल ही में कबीरधाम ज़िले के सहसपुर लोहारा के सरस्वती शिशु मंदिर क्वारंटिन सेंटर में मज़दूरों को अख़बार पर खाना परोसने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिसे ले कर सरकार की काफी आलोचना हुई थी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विभिन्न क्वारेंटीन सेंटरों में ठहरे हुए लोगों, ज़िलाधीशों और सरपंचों से बात की। उन्होंने लोगों से सेंटरों की व्यवस्था के बारे में पूछा और सुझाव मांगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सेंटरों पर किसी प्रकार की कमी न हो। pic.twitter.com/xa3tVuZDrS
— Chhattisgarh Pradesh Mahila Congress (@ChhattisgarhPMC) June 5, 2020
हालांकि इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वीकार किया था कि कुछ क्वारंटिन सेंटर में व्यवस्था में कमी है और इसे सुधारने की कोशिश की जा रही है.
राज्य के क्वारंटिन सेंटर में हुई मौत
- 14 मई को रायगढ़ ज़िले के सारंगढ़ क्वारंटीन सेंटर में 27 साल के अर्जुन निषाद ने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
- 17 मई को मुंगेली ज़िले के किरना गाँव के क्वारंटीन सेंटर में 31 साल के योगेश वर्मा की साँप के काटने से मौत हो गई.
- 18 मई को बालोद ज़िले के परसवाली क्वारंटीन सेंटर में 29 साल के सूरज यादव ने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
- 18 मई को ही राजनांदगांव ज़िले के सीताकसा क्वारंटीन सेंटर में 28 साल के बुधारु राम की साँप के काटने से मौत हो गई.
- 19 मई को बलरामपुर ज़िले के सेमली लेंजुआ-पारा क्वारंटीन सेंटर में ड्यूटी कर रहे शिक्षक सियारत भगत की मौत हो गई.
- 20 मई को बेमेतरा ज़िले के सेमरिया क्वारंटीन सेंटर में 35 साल के आदिवासी राजू ध्रुव की मौत हो गई.
- 21 मई को जांजगीर-चांपा ज़िले के 35 साल के बीरबल माहेश्वरी ने मुलमुला क्वारंटीन सेंटर में दम तोड़ दिया.
- 23 मई को मुंगेली ज़िले के छीतापुर क्वारंटीन सेंटर में 22 वर्षीय एक श्रमिक पुनीत राम टंडन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
- 24 मई को बालोद ज़िले के पचेड़ा क्वारंटीन सेंटर में रखी गई 20 साल की अनूपा नामक एक युवती की इलाज के दौरान मौत हो गई.
- 25 मई को सरगुजा ज़िले के लूंड्रा के एक युवक ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में फांसी लगा ली. दिल्ली से लौटे युवक को क्वारंटीन में रखा गया था.
- 27 मई को कोंडागांव के क्वारंटिन सेंटर में करंट से एक मजदूर की मौत हो गई.
- 27 मई को ही कबीरधाम ज़िले के बांधाटोला क्वारंटिन सेंटर में 3 माह के बच्चे की मौत हो गई.
- 27 मई को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले के टिकराकला क्वारंटिन सेंटर रह रहे डेढ़ साल के बच्चे की मौत हो गई.
- 28 मई को बालोद ज़िले के भरदाकला क्वारंटिन सेंटर में रह रहे 5 महीने के बच्चे की मौत हो गई.
- 28 मई को ही गरियाबंद ज़िले के धरनीधोड़ा में 25 वर्षीय गर्भवती महिला भगवंति यादव की मौत हो गई.
- 28 मई को जांजगीर-चांपा ज़िले के हथनेवरा क्वारंटाइन सेंटर में रह रही महिला के बच्चे की प्रसव के दौरान मौत हो गई.
- 28 मई को जांजगीर-चांपा ज़िले के हथनेवरा क्वारंटाइन सेंटर में रह रही महिला की प्रसव के बाद देर रात मौत हो गई.
- 28 मई को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले के मरवाही क्वारंटिन सेंटर में 20 साल के श्रमिक आदेश सिंह की मौत हो गई.
- 29 मई को जांजगीर ज़िले के हसौद क्वारंटिन सेंटर में मज़दूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
- 1 जून को कोरबा ज़िले के मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे वशीर खान की मौत हो गई.
- 3 जून को महासमुंद ज़िले के के कलेंडा क्वारंटिन सेंटर में एक नवप्रसूता की मौत हो गई.
- 4 जून को जांजगीर-चांपा जिले के धमनी क्वारंटिन सेंटर में पंजाब से लौटे मज़दूर की मौत हो गई.
- 7 जून को गरियाबंद ज़िले के गोहरापदर क्वारंटिन सेंटर में 20 साल के श्रमिक ने फांसी लगा कर जान दे दी.