दीनदयाल के नाम वाली योजनाओं का नाम बदला
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जारी कई योजनाओं का नाम बदल दिया है. भाजपा के आदर्श पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम वाली योजनाओं के नाम बदलने का काम राज्य की कांग्रेस पार्टी की सरकार ने उनकी पुण्यतिथि के दिन ही किया है. भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुये कहा है कि यह एक गलत परंपरा है.
गौरतलब है कि भाजपा ने राज्य सरकार के सभी प्रपत्रों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरों वाला लोगो अनिवार्य कर रखा था. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की करोड़ों रुपयों की किताबों की खरीदी की गई थी और उनकी जीवनी को प्रचारित प्रसारित करने का काम किया गया था.
भाजपा ने यह सारे आयोजन 2016 में उनकी जन्म शताब्दी को ध्यान में रखते हुये किये थे. लेकिन राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार आने के बाद पिछले महीने सरकारी प्रपत्रों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरों का लोगो हटा दिया गया. सरकार का कहना था कि जन्म शताब्दी खत्म होने के कारण ऐसा किया गया है.
अब राज्य की कांग्रेस सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम वाली योजनाओं को बदल दिया है. सोमवार को जारी आदेश के अनुसार दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना अब राजीव गांधी स्वावलंबन योजना कहलाएगी. इसी तरह दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना को बीआर अंबेडकर के नाम से जाना जायेगा.
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार दीनदयाल एलईडी पथ प्रकाश योजना अब इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना के नाम से जानी जाएगी. इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केन्द्र अब राजीव गांधी आजीविका केन्द्र कहलायेगा. राज्य सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम भी बदल कर इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल योजना कर दिया है.
भाजपा ने की थी शुरुआत
सत्ता में आने के बाद सरकारी योजनाओं के नाम बदलने की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी ने थी. 2003 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी जब सत्ता से हटी और भाजपा ने रमन सिंह के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाई, उसी समय कई योजनाओं के नाम बदले गये थे.
राज्य की भाजपा सरकार ने इंदिरा विद्या भवन योजना का नाम ज्ञानस्थली योजना, इंदिरा शहर सरोवर योजना का नाम बदल कर सरोवर धरोहर योजना कर दिया था.
इसी तरह रमन सिंह की सरकार ने राजीव खेल मैदान योजना और नेहरु बाल उद्यान योजना का नाम बदल कर उनमुक्त खेल मैदान योजना और पुष्प वाटिका उद्यान योजना कर दिया था.
भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही राजीव स्वावलंबन योजना और प्रियदर्शनी बस स्टैंड योजना का नाम बदल कर क्रमशः मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना और प्रतीक्षा बस स्टैंड योजना कर दिया गया था.