राष्ट्र

‘दाऊद ने रखी थी नजरबंदी की शर्त’

मुंबई | समाचार डेस्क: दाऊद ने समर्पण के लिये नजरबंदी की शर्त रखी थी इसलिये माना नहीं गया था. इसी के साथ मुंबई ब्लास्ट का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम चाहता था कि उसे गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ‘थर्ड डिग्री’ न दे. इसका खुलासा महारराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने किया है. हालांकि, इससे पहले भी इस तरह की खबर मीडिया में वकील राम जेठमलानी के हवाले से छप चुकी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि वकील राम जेठमलानी ने 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम के समर्पण के लिए तैयार हो जाने पर उनसे संपर्क किया था लेकिन वह सशर्त समर्पण चाहता था, जो स्वीकार योग्य नहीं था. पवार उस वक्त कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. राकांपा अध्यक्ष ने यहां संवाददाताओं से कहा कि दाऊद ने समर्पण के लिए जो शर्ते रखी थीं, वे राज्य सरकार को स्वीकार्य नहीं थीं इसीलिए उसकी पेशकश खारिज कर दी गई.

पवार ने कहा कि दाऊद के आत्मसमर्पण करने की इच्छा व्यक्त करने पर राम जेठमलानी ने यह प्रस्ताव दिया था. लेकिन इसके साथ शर्त थी कि उसे जेल में नहीं रखा जाएगा, उसे घर में ही नजरबंद रखा जाए.

उन्होंने कहा, “यह हमें स्वीकार्य नहीं था. हमने कहा था कि कानून का सामना करना पड़ेगा.”

राम जेठमलानी ने राकांपा प्रमुख पर आरोप लगाया था कि दाऊद के भारत लौटने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि दाऊद को जेल में जान जाने का डर था, इसलिए वह घर में ही नजरबंद रहना चाहता था. इसके साथ ही उसकी यह भी शर्त थी कि उसे ‘थर्ड डिग्री’ प्रताड़ना न दी जाए.

जेठमलानी ने दावा किया था कि लंदन में मुलाकात के दौरान दाऊद ने समर्पण की पेशकश की थी, लेकिन उसकी शर्ते उस समय न तो पवार और न ही केंद्र सरकार को मंजूर थी.

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