सीआरपीएफ ने मारे 15-20 माओवादी
जगदलपुर | संवाददाता: सीआरपीएफ ने बस्तर में 15-20 माओवादियों के मारे जाने का दावा किया है. सीआरपीएफ के आईजी डीएस चौहान का कहना है कि सुकमा और बीजापुर की सीमा पर चलाये गये ऑपरेशन में ये माओवादी मारे गये हैं.
हालांकि आईजी चौहान का कहना है कि मारे गये जवानों का शव माओवादी अपने साथ ले कर भागने में सफल हुये हैं.
पत्रकारों से बातचीत में आईजी देवेन्द्र चौहान ने कहा है कि सुकमा और बीजापुर की सीमा पर सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के 350 जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा करीब 96 घंटे का ऑपरेशन चलाया, जिसमें 15 से 20 माओवादी मारे गये.
चौहान का कहना था कि माओवादियों के खिलाफ चलाये गये इस ऑपरेशन में एक जवान शहीद हुआ व दो जवान घालय हुये हैं.
सीआरपीएफ के आईजी डीएस चौहान के अनुसार बासागुड़ा क्षेत्र के पूवर्ती, रायगुड़म व चिन्नाबोड़केल के जंगलों में 13 से 15 मई तक नक्सलियों के खिलाफ पहली बार बड़ा ऑपरेशन चलाया गया. इसमें 350 जवानों ने नक्सलियों को घेरने की कोशिश की थी.
आईजी ने बताया कि विषम परिस्थितियों व गर्मी के मौसम में जवानों ने दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में नई रणनीति एवं नए फार्मेट का उपयोग करते हुए अभियान चलाया. पहली बार ऐसा देखने में आया कि नक्सली कोबरा की वर्दी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
आईजी ने बताया कि पूरी टीम वापस आ चुकी है जबकि एक अन्य टीम गोपनीय तौर पर एक बड़े ऑपरेशन पर जंगल में प्रवेश कर चुकी है. आईजी चौहान ने वायुसेना के सहयोग की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि घायल जवानों को घटनास्थल से लाने में सही समय पर मदद की. पहली बार सेना के हेलिकॉप्टर से अभियान क्षेत्र में जवानों को रसद पहुंचाई गई.
सड़क निर्माण पर सुरक्षा को लेकर पूछे गए सवाल पर आईजी ने कहा कि सड़क सुरक्षा तीन सप्ताह के लिए स्थगित की गई थी, परंतु अब सुरक्षा में जिला बल के साथ सीआरपीएफ को लगाया जाएगा. इस सबंध में कलेक्टर से चर्चा हो चुकी है. पत्रकारवार्ता के दौरान डीआईजी दंतेवाड़ा पी सुंदरराज, डीआईजी सीआरपीएफ एके सिंह व धीरज कुमार, एसपी केएल ध्रुव व एएसपी मोहित गर्ग उपस्थित थे.