राष्ट्र

अब CRPF जवान ने मांगा हक

नई दिल्ली | संवाददाता: बीएसएफ के बाद सीआरपीएफ जवान ने अपना हक मांगा है. सीआरपीएफ का जवान जीत सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से आर्मी के समान सुविधा देने की मांग की है. अभी कश्मीर में तैनात बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव द्वारा अमानक स्तर का खाना दिये जाने का आरोप ठंडा नहीं पड़ा था तथा तेज बहादुर यादव के आरोपों की सरकार जांच की रिपोर्ट भी नहीं आई कि सीआरपीएफ जवान जीत सिंह का एक पुराना वीडियो वायरल हो गया है.

सीआरपीएफ जवान जीत सिंह का यह वीडियों 16 अक्टूबर को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था जो अब जाकर वायरल हुआ है. इस वीडियो में जीत सिंह प्रधानमंत्री मोदी से को अपील करते हुये कहता नज़र आ रहा है कि, “देश के पीएम मोदी तक एक संदेश पहुंचाना चाहता हूं. हम लोग सीआरपीएफ वाले इस देश में कौन-सी ड्यूटी है, जो नहीं करते. लोकसभा चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक और मंदिर से लेकर मस्जिद तक ड्यूटी करते हैं. भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों को मिलने वाली सुविधाओं में इतना अंतर है कि आप सुनेंगे तो हैरान रह जायेंगे. हमारे दुख को समझने वाला कोई नहीं है. सेना को पेंशन मिलती है, हमारी पेंशन भी बंद है. 20 साल बाद नौकरी छोड़कर जायेंगे तो क्या करेंगे. एक्स सर्विस मैन का कोटा, कैंटीन और मेडिकल की सुविधा भी नहीं है. सेना को मिल रही सुविधाओं से हमें ऐतराज नहीं है, उन्हें मिलनी चाहिये. लेकिन हमारे साथ भेदभाव क्यों हो रहा.”

सीआरपीएफ (CRPF) जवान का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द मोदी के नाम संदेश-

बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव तथा सीआरपीएफ जवान जीत सिंह के द्वारा उठाये गये मुद्दों में बुनियादी अंतर है. बीएसएफ जवान ने जहां खाने के स्तर को लेकर आवाज उठाई है, भष्ट्राचार के आरोप लगाये हैं, उच्चाधिकारियों द्वारा खाने-पीने के सामानों को इधर-उधर करने का आरोप लगाया है वहीं, सीआरपीएफ जवान ने भारतीय सेना के समान सुविधाओं की मांग की है.

दोनों के अपील में सबसे बड़ा अंतर यह है कि बीएसएफ जवान ने सीधे जनता से अपील की है दूसरी तरफ सीआरपीएफ जवान प्रधानमंत्री से गुहार करते नज़र आ रहें हैं. वीडियो से ही साफ है कि तेज बहादुर यादव नेताओं और अफसरों पर आरोप लगा रहें हैं जबकि, सीआरपीएफ जवान जीत सिंह भारतीय सेना के समान रिटायरमेंट बेनिफिट की मांग कर रहें हैं.

सीआरपीएफ जवान जीत सिंह ने पूर्व सैनिकों के समान सुविधाओं की मांग उठाई है, पेंशन की मांग की है. सीआरपीएफ जवान की मांग को पूरा करने के लिये सरकार को नीतिगत बदलाव करने पड़ेंगे जबकि बीएसएफ जवान के द्वारा खुलासे के बाद भ्रष्ट्र अधिकारियों को दंडित कर देने से मामला पूरा हो जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!