फिर लौटा कोरोना, यूरोप में कोरोना पॉजिटिव दर 20%
नई दिल्ली | डेस्क: दुनिया भर में एक बार फिर कोरोना कहर बरपाने के लिए तैयार हो गया है. अमेरिका, यूरोप और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में कोरोना के संक्रमण बढ़ने के साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता बढ़ा दी है.
यूरोप में, कोरोना की सकारात्मकता प्रतिशत 20 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड विशेषज्ञ डॉक्टर वैन केरखोव ने कहा-“यह कम नहीं होने वाला है. मैं बहुत चिंतित हूँ.”
इधर भारत में महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में कोविड नए मामले आए हैं.
पिछले महीने की बात की जाए तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में कोरोना के 817 नए मामले सामने आए थे.
छत्तीसगढ़ में पिछले महीने मिला था एक मरीज
पिछले महीने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक 66 वर्षीय बुजुर्ग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी.
मरीज को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया था कि मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है.
ज़ाहिर है, यह कहीं अधिक चिंताजनक स्थिति थी. लेकिन इस संक्रमण को बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया.
कोरोना पर क्या कहा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने
पिछले सप्ताह ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमण बढ़ रहा है और इसके जल्द ही कम होने की संभावना नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने यह भी चेतावनी दी थी कि कोरोनावायरस के और भी गंभीर रूप जल्द ही सामने आ सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की डॉ. मारिया वान केरखोव ने जिनेवा में पत्रकारों को बताया कि, “कोविड-19 अभी भी हमारे बीच है,” और सभी देशों में फैल रहा है.
उन्होंने कहा, “84 देशों में हमारे प्रहरी-आधारित निगरानी तंत्र से प्राप्त डेटा से पता चलता है कि SARS-CoV-2 के लिए सकारात्मक परीक्षणों का प्रतिशत पिछले कई हफ़्तों से बढ़ रहा है.”
डॉ. वैन केरखोव ने कहा, “कुल मिलाकर, परीक्षण सकारात्मकता 10 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन यह क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. यूरोप में, सकारात्मकता प्रतिशत 20 प्रतिशत से अधिक है.”
पानी में 2 से 20 गुणा अधिक
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अमेरिका, यूरोप और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संक्रमण की नई लहरें दर्ज की गई हैं.
अपशिष्ट जल निगरानी से पता चलता है कि SARS-CoV-2 का प्रसार वर्तमान में बताए जा रहे प्रसार से दो से 20 गुना अधिक है.
उत्तरी गोलार्ध के गर्मियों के महीनों में संक्रमण का इतना अधिक प्रसार श्वसन वायरस के लिए असामान्य है, जो ज़्यादातर ठंडे तापमान में फैलता है.
डॉ. वैन केरखोव ने कहा, “हाल के महीनों में, सीज़न की परवाह किए बिना, कई देशों में COVID-19 के मामलों में उछाल देखा गया है, जिसमें ओलंपिक भी शामिल है, जहां कम से कम 40 एथलीट पॉजिटिव पाए गए .”
जैसे-जैसे वायरस विकसित और फैलता जा रहा है, वायरस के अधिक गंभीर स्ट्रेन का जोखिम बढ़ रहा है.
इसके कारण इसकी पहचान मुश्किल हो सकती है.
डॉ. वैन केरखोव ने टीकाकरण की कमज़ोर रफ़्तार को लेकर कहा, “मुझे चिंता है.”
उन्होंने कहा-“अगर हमारे पास कोई ऐसा वैरिएंट है जो अधिक गंभीर होगा, तो जोखिम वाली आबादी में गंभीर बीमारी विकसित होने की संभावना बहुत अधिक है.”