राष्ट्र

दिल्ली दुष्कर्म मामले में चारो दोषी करार

नई दिल्ली | एजेंसी: दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले के चारो अभियुक्तों को कोर्ट ने मंगलवार को हत्या तथा दुष्कर्म का दोषी करार दिया है. अब ये चारो आरोपी नही दोषी हैं तथा माना जा रहा है कि अभियुक्तों को फांसी की सजा हो सकती है या फिर इन्हें उम्र कैद की सजा मिल सकती है. इस मामले में मुकेश, अक्षय, पवन और विनय के खिलाफ सजा सुनाये जाने पर बुधवार को फैसला होगा.

चारों अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर लगभग चार महीने पहले चलती बस में फीजियोथेरेपी की 23 वर्षीया छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में अभियुक्त हैं.

इनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, हत्या के प्रयास, अप्राकृतिक अपराध, सबूत नष्ट करने और लूट की कोशिश जैसे मामले दर्ज किए गए हैं. मामले के एक अन्य आरोपी राम सिंह को दिल्ली की तिहाड़ जेल में मृत पाया गया था.

इधर, मामले के छठे और एकमात्र नाबालिग अभियुक्त को 31 अगस्त को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल तक सुधारगृह में रखे जाने का फैसला सुनाया था.

यह घटना दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका इलाके में उस वक्त हुई थी जब युवती अपने दोस्त के साथ बस में बैठी थी.

पुलिस के मुताबिक, बस में पहले से सवार सभी अभियुक्तों ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसके व उसके मित्र दोनों के साथ मारपीट कर उन्हें सड़क पर फेंक दिया था.

पीड़ित लड़की को विशेष उपचार के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी. इस घटना पर देश भर में रोष देखा गया था और लोग सड़कों पर उतर आए थे.

गौर तलब है कि अमरीका ने दिल्ली की सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता ‘निर्भया’ को मरणोपरांत ‘वुमन ऑफ करेज’ अवार्ड से सम्मानित किया था. उन्हें यह अवार्ड महिलाओं के साथ होने वाली हिसा के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए दिया गया.

अमरीकी विदेश विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा, विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ उपस्थित थीं और उन्होंने ‘निर्भया’ के साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति की प्रशंसा की थी.

अवार्ड की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा था, “‘निर्भया’ की लड़ाई ने उन्हें जिदा रखा है. भारत और विश्व में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा के खिलाफ लोगों को एकजुट किया है और वे न्याय की मांग में अद्भुत साहस दिखा रहे हैं.”

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