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29 अप्रैल को नपेंगे आईएफएस

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के कई आईएफएस अफसर इस महीने की 29 तारीख को नप सकते हैं. इन अफसरों के कामकाज की समीक्षा के लिये सरकार ने 29 अप्रैल को बैठक बुलाई है. कुछ दागी अफसरों के लिये इस बैठक में अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया अपनाई जायेगी.

इन अधिकारियों को डेथ कम रिटायरमेंट बेनिफिट के तहत ‘जनहित’ में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने के लिये ही यह बैठक बुलाई गई है.

इससे पहले 13 अप्रैल को भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के कामकाम की समीक्षा के लिये बैठक बुलाई गई थी. रिव्यू कमेटी की इस बैठक में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 82 अफसरों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की गई. इनमें से कुछ के खिलाफ गंभीर आरोप पाये गये, जिसके बाद संभव है कि इन्हें बर्खास्त करने की अनुशंसा केंद्र से की जाये.

इसके अलावा 37 आईपीएस व 18 आईएफएस अफसरों की भी समीक्षा होनी थी. लेकिन बताया जाता है कि 13 अप्रैल की बैठक में केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर ही चर्चा हो पाई.

अब रिव्यू कमेटी की तीसरी बैठक 29 अप्रैल को आयोजित की गई है. भारतीय वन सेवा के ऐसे अधिकारी, जिन्होंने 50 वर्ष की उम्र एवं 15/25 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है तथा राज्य वन सेवा से भारतीय वन सेवा में पदोन्नत ऐसे अधिकारी जिनकी भारतीय वन सेवा के रुप में पांच वर्ष की वास्तविक सेवा अवधि पूर्ण हो गई हो, उनको लोकहित में सेवा निवृत्त किये जाने के संबंध में भारतीय वनसेवा अधिकारियों के प्रकरणों का गहन परीक्षण किये जाने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यह बैठक की जा रही है.

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