छत्तीसगढ़ में कोरोना के टीकाकरण पर संशय
रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में क्या कोरोना का टीकाकरण शुरु होगा? राज्य में कोरोना के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने जहां अपनी असहमति जताई है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के टीकाकरण के मद्देनज़र राज्य में 17 से 19 जनवरी को प्रस्तावित पल्स पोलियो अभियान निरस्त कर दिया है. इसके लिए सभी ज़िलों को चिट्ठी भी भेज दी गई है.
गौरतलब है कि रविवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना टीकाकरण में हड़बड़ी नहीं करने की बात कही थी. उनका कहना था कि टीका परीक्षण के लिए तीसरे चरण के परिणाम के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए.
दूसरी ओर राज्य का स्वास्थ्य विभाग कोरोना के टीकाकरण की तैयारी में जुटा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कहना है कि 13-14 जनवरी तक राज्य को कोरोना के टीके की पहली खेप मिल जाएगी.
राज्य में 16 जनवरी से टीकाकरण की तैयारी है. रायपुर की सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल का कहना है कि रायपुर के छह केंद्रों एमएमआई अस्पताल, मिशन अस्पताल तिल्दा, मंदिर हसौद स्वास्थ्य केंद्र, नयापारा स्वास्थ्य केंद्र और खरोरा स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण की शुरुआत की जाएगी.
सिंहदेव टीकाकरण में जल्दीबाजी के खिलाफ
मीडिया से चर्चा में सिंहदेव ने कहा कि कोरोना टीके के तीसरे दौर के परीक्षण परिणाम के बिना टीकाकरण आम जनता के स्वास्थ्य को खतरे में डालने वाला साबित हो सकता है. कोरोना के टीके के पहले चरण या दूसरे चरण के परिणाम से ही टीका के सफल या असफल होने का फैसला हो जाता तो तीसरे चरण के परीक्षण की जरूरत क्यों पड़ती है?
सिंहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. चार सप्ताह का समय कोई बहुत ज्यादा समय नहीं होता है. इतना इंतजार किया जा सकता है.
टीएस सिंहदेव ने आशंका जताई कि केंद्र सरकार अगर फेज-थ्री के परीक्षण के बिना अनुमति देती है तो देश की और भी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने फेज वन और टू का परीक्षण पूरा कर लिया है. फिर वो भी अनुमति की मांग करेंगी.
सिंहदेव ने स्पष्ट किया कि यह वैक्सीन फिलहाल तब लगाई जानी है, जब आपात स्थिति हो. जहां तक प्रदेश की बात है तो यहां आपात स्थिति का मामला नहीं है. रिकवरी रेट देश में सबसे बेहतरीन है.
We do not support the use of #COVAXIN in the vaccination process in Chhattisgarh for one simple reason – It is NOT SAFE to use any vaccine unless it has completed the recommended testing process with absolute authentication and success. (1/3) pic.twitter.com/Y2yN3sS953
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) January 10, 2021
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 28 हजार सैंपल लेने थे और अब तक 23 हजार सैंपल लिए जा चुके हैं. आपदा के कारण ही पांच से 15 साल में बनने वाली वैक्सीन को पांच महीने में बनाया गया है. अब तक यह पता नहीं है कि वैक्सीन लगाने के दुष्परिणाम क्या होंगे. वैक्सीन लगाने का असर छह महीने होगा या दो साल या फिर आजीवन होगा, इसकी भी जानकारी नहीं है.
उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस संबंध में पत्र भी लिखेंगे. उन्होंने कहा कि यदि फेज-थ्री टेस्ट अनिवार्य है तो उस टेस्ट के बाद ही वैक्सीन लगाई जानी चाहिए.