राष्ट्र

‘जंग को नियुक्ति का अधिकार नहीं’

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: कानून विशेषज्ञों की राय में दिल्ली के उप राज्पाल को नियुक्ति का अधिकार नहीं है. दिल्ली सरकार को दिये गये अपने कानूनी राय में विशेषज्ञ ने कहा है कि दिल्ली के उप राज्यपाल अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहें हैं. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और राजीव धवन ने दिल्ली सरकार के नौकरशाहों की तैनाती और उनके तबादले के संबंध में अपनी कानूनी राय सरकार को सौंप दी है. इंदिरा जयसिंह ने अपने पत्र में कहा कि उप-राज्यपाल नजीब जंग को मुख्यमंत्री द्वारा की गई नियुक्तियों को खारिज करने का अधिकार नहीं है. अपने जवाब में उन्होंने कहा कि उप-राज्यपाल ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है. दिल्ली के उप-राज्यपाल और राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच असहमति बढ़ने पर केजरीवाल सरकार ने दो वरिष्ठ वकीलों की सलाह मांगी थी.

जब उप-राज्यपाल के दफ्तर में संपर्क किया तो उन्होंने इस मामले पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया. साथ ही कहा कि इस संबंध में मंगलवार शाम को आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा.

अपनी लिखित राय में धवन ने कहा, “यह एकदम स्पष्ट है कि उप-राज्यपाल ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है और मंत्रिपरिषद और स्वयं के बीच के रिश्ते में ‘खटास’ लाई है. जिसके कारण संविधान और लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है.”

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “हमने इस मामले पर इंदिरा जयसिह और राजीव धवन से कानूनी सलाह मांगी थी. जिस पर इंदिरा ने कहा कि उप-राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री द्वारा की गई नियुक्तियों को खारिज करने का कोई अधिकार नहीं है वहीं धवन ने कहा कि इस कदम से राज्यपाल ने अपनी सीमा से बाहर जाकर काम किया है.

वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति को लेकर केजरीवाल और जंग के बीच शुरू हुआ टकराव सोमवार को उस समय और बढ़ गया, जब प्रधान सचिव के पद पर तैनात एक अन्य नौकरशाह अनिंदो मजुमदार के दिल्ली सचिवालय स्थित दफ्तर में ताला लगा दिया गया. उप-राज्यपाल ने 15 मई को गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किया था.

मुख्यमंत्री केजरीवाल का आरोप है कि गैमलिन बिजली वितरण कंपनियों के लिए लॉबिंग करती हैं.

बताया जा रहा है कि अनिंदो के दफ्तर में ताला केजरीवाल के कहने पर लगाया गया. मजुमदार ने ही कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में गैमलिन की नियुक्ति से संबंधित राज्यपाल के आदेश को अधिसूचित किया था.

केजरीवाल मंगलवार शाम छह बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इस मामले से अवगत कराने के लिए उनसे मुलाकात कर रहे हैं.

इससे पहले सोमवार को केजरीवाल और उप-राज्यपाल के बीच असहमति उस समय और बढ़ गई, जब जंग ने राजेंद्र कुमार की प्रधान सचिव की नियुक्ति रद्द कर दी थी.

जंग ने राजेंद्र कुमार की नियुक्ति को निष्प्रभावी करार दिया था. इसके बाद दिल्ली सरकार ने उप-राज्यपाल को एक पत्र लिखकर उत्तर दिया था कि वह उनके आदेश का पालन नहीं करेगी, क्योंकि उनके आदेश संविधान के खिलाफ हैं.

केजरीवाल ने रविवार को गैमलिन की नियुक्ति पर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि यह नियुक्ति उनकी सरकार को फेल करने के लिए की गई.

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