दिल्ली को सरकार मिले: संवैधानिक पीठ
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: संवैधानिक पीठ ने केन्द्र सरकार के दिल्ली विधानसभा पर अनिर्णय की स्थिति पर फटकार लगाई है. संवैधानिक पीठ ने मंगलवार को केन्द्र सरकार से पूछा है कि यदि कोई नागरिक अदालत आए और कहे कि उसने काम के लिए एक प्रतिनिधि का चुनाव किया था, लेकिन अब वह कुछ नहीं कर रहा फिर भी सरकार से वेतन ले रहा है, क्योंकि ऐसा आपके के कारण हो रहा है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 14 फरवरी को जनलोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद से दिल्ली की विधानसभा निलंबित है तथा विधायक घर में बैठे हुए हैं. सर्वोच्य न्याय़ालय की संवैधानिक पीठ ने इस पर भी सवाल उठाये हैं कि जनता के टैक्स के पैसों से विधायकों को वेतन मिल रहा है और वे घर में बैठे हुए हैं. संवैधानिक पीठ ने केन्द्र सरकार से कहा है कि या तो वह विधानसभा भंग करे या फिर कोई और निर्णय ले.
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार को दिल्ली विधानसभा के भविष्य पर निर्णय लेने को कहा. दिल्ली विधानसभा 14 फरवरी को आम आदमी पार्टी सरकार के इस्तीफे के बाद से ही निलंबित है. न्यायाधीश एच.एल.दत्तू की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने विधानसभा भंग करने के लिए आम आदमी पार्टी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को उचित समय में निर्णय लेने को कहा.
सर्वोच्य न्यायालय के संवैधानिक पीठ ने कहा है कि एक पार्टी दिल्ली में सरकार नहीं बनाना चाहती है तथा बाकी की पार्टियां कहती है कि उनके पास बहुमत नहीं है. दिल्ली में पिछले पांच महीने से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. इस बीच हर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर अपने विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा रहा है. सर्वोच्य नायायालय केन्द्र सरकार से जानना चाहती है कि आखिर दिल्ली की जनता को एक चुनी हुई सरकार से क्यों वंचित रखा जा रहा है.
सर्वोच्य न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने केन्द्र सरकार को पांच हफ्तो का समय अपना जवाब देने के लिये दिया है. जाहिर है कि न्यायालय के टिप्पणी से केन्द्र सरकार पर दिल्ली विधानसभा पर फैसला लेने के लिये नैतिक दबाव पड़ेगा. वर्तमान स्थिति में दिल्ली के उप राज्यपाल केन्द्र सरकार के कहने पर चुनाव का आदेश दे सकते हैं.
सर्वोच्य न्यायालय के संवैधानिक पीठ के टिप्पणी से इस बात के आसार है कि लुटियन की दिल्ली को जल्द ही अपनी सरकार मिल जायेगी.