तेलंगाना को यूपीए-कांग्रेस की हरी झंडी
नई दिल्ली | एजेंसी: आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का रास्ता साफ हो गया है. मंगलवार को पहले यूपीए की समन्वय समिति ने और फिर कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने इस नए राज्य को अपनी मंजूरी दे दी है. कांग्रेस की कोर कमिटी इस पर पहले ही मुहर लगा चुकी है.
इस तरह तेलंगाना देश का 29वां राज्य होगा और हैदराबाद अगले दस साल तक तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी होगा.
इस मसले पर मोगलवार को प्रधानमंत्री निवास पर हुई बैठक में संप्रग समन्वय समिति ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के पक्ष में निर्णय लिया. बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), नेशनल कांफ्रेंस और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेताओं ने हिस्सा लिया
संप्रग की समन्वय समिति की बैठक के बाद कांग्रेस की कार्यकारी समिति की भी बैठक हुई, जिसमें पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का फैसला ले लिया गया. इस बैठक में पीएम मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, सुशील शिंदे, जनार्दन द्विवेदी, मोतीलाल वोरा, अजय माकन और अंबिका सोनी जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
दूसरी तरफ जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री तथा संप्रग के घटक दल, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि आंदोलन के आधार पर नए राज्य के गठन से ‘खतरनाक परिपाटी’ बनेगी. अब्दुल्ला ने कहा कि इससे देश के अन्य हिस्सों में उपद्रवों को प्रोत्साहन मिलेगा.
आंध्र प्रदेश के ही कुछ कांग्रेस सांसद भी पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का विरोध कर रहे हैं, और इस संबंध में पिछले सप्ताह उन्होंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी और राज्य को विभाजित न करने की मांग की थी.