कांग्रेस ने चुने जिताऊ प्रत्याशी: जोगी
पेंड्रा | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का कहना है कि कांग्रेस में जिन 17 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है वे सभी योग्य उम्मीदवार है और वे सभी चुनाव जीतेंगे.
पेंड्रा पहुँचे जोगी ने कहा कि किसी भी प्रत्याशी के नाम को गुट से जोड़कर देखा जाना उचित नहीं है. अब सभी को मिलकर चुनाव लडऩा है और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाना है.
पत्रकारों से बात करते हुए जोगी ने कहा कि चुनाव आयोग ने बस्तर में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हमारे चार सुझाव में से तीन ही माने. चौथा सुझाव नहीं मानने का कारण समझ में नहीं आया उसे भी मानते तो चुनाव पूर्ण रूप से निष्पक्ष होते.
विधानसभा प्रत्याशियों की कांग्रेस की पहली सूची के 17 नामों में से ज्यादातर नाम अपने समर्थकों के होने की बात के संबंध में पूछे गए सवाल को टालते हुए कहा कि सभी प्रत्याशी सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने तय किए हैं. ऐसे में कौन किसका समर्थक है यह देखने का समय नहीं है क्योंकि सभी कांग्रेसियों को मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़कर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनानी है.
उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्याशियों के संबंध में उन्होंने स्क्रीनिंग कमेटी को कोई सूचना नहीं दी थी लेकिन कमेटी अध्यक्ष से मुलाकात कर सभी सीटों के संबंध में अपना सुझाव जरूर दिया था.
बस्तर में सभी सीट जीतने का दावा करते हुए श्री जोगी ने कहा कि पूर्व में फर्जी मतदान के कारण बस्तर में भाजपा जीतती आई है, इसलिए उन्होंने एवं अन्य कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग को बस्तर में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चार सुझाव दिये थे जिनमें सेटेलाईट से निगरानी, मतदान केंद्र की वीडियो रिकार्डिंग, दो चरणों में चुनाव तथा चुनाव ड्यूटी वाले कर्मचारियों का कम्प्यूटर से लाटरी सिस्टम से ड्यूटी लगाने का मांग शामिल था.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने तीन सुझाव तो मान लिए परंतु कर्मचारियों के ड्यूटी वाला सुझाव नहीं माना, जिसे नहीं मानने का कारण समझ में नहीं आ रहा है.
अन्य स्थानों पर मतदान दल में चार सदस्य होते हैं परंतु बस्तर में एक ही सदस्य चुनाव कराता है, इसलिए उक्त सुझाव नहीं माने जाने के कारण चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहा है, क्योंकि पूर्व के दो विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा अपने मनपसंद कर्मचारी का मनपसंद मतदान केंद्र में ड्यूटी लगाकर चुनाव में गड़बड़ी करा सकती है.
यदि लाटरी सिस्टम से नाम निकालकर कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में भेजा जाता तो किसी को पहले से यह पता नहीं चल पाता कि किस कर्मचारी की किस विधानसभा के किस मतदान केंद्र में ड्यूटी लगी है जिससे चुनाव की निषपक्षता बनी रहती.