पीएम पोषण: छत्तीसगढ़ में रसोइयों को 1500, तमिलनाडु में 12500
रायपुर|डेस्कः छत्तीसगढ़ के स्कूलों में पीएम पोषण योजना में मध्यान्ह भोजन पकाने वाले रसोइया और उनके सहायकों को महज 1500 रुपये महीने मिलते हैं. जबकि तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में यह मानदेय 12 हज़ार रुपये प्रति महीने से अधिक है. देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में रसोइयों को जितनी तनख्वाह साल भर में मिलती है. तमिलनाडु जैसे राज्य में यह महीने भर का मानदेय है.
असल में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत देश के सभी राज्यों में मध्यान्ह भोजन पकाने वाले रसोइये को प्रति माह 1000 रुपये का मानदेय निर्धारित किया गया है. इसके बाद चाहे तो राज्य सरकार अपनी ओर से अतिरिक्त निधियां उपलब्ध कराकर मानदेय बढ़ा सकती है. इसके लिए सभी राज्यों को पूरी स्वतंत्रता दी गई है. इसी के तहत छत्तीसगढ़ सरकार यहां के रसोइयों को 500 रुपये अतिरिक्त राशि देती है.
इस तरह छत्तीसगढ़ में रसोइयों को 1500 रुपये हर महीने के दिए जाते हैं.
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण यानी पीएम पोषण योजना केन्द्र सरकार की योजना है. इस योजना को केन्द्र के साथ ही राज्य सरकार की साझेदारी से चलाया जाता है.
केन्द्र सरकर का दावा है कि इस योजना के अंतर्गत काम करने वाले रसोइया-सह-सहायक समाज सेवा के उद्देश्य से इस काम को करते हैं. हालांकि हकीकत इसके विपरीत है. इसी के चलते कई लोगों का परिवार चलता है.
साल में 10 माह का वेतन
केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण यानी पीएम पोषण योजना में रसोइयों को 1000 रुपये दिए जाते हैं.इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ सरकार रसोइयों को 500 रुपये अतिरिक्त भुगतान करती है.
यानी रसोइयों को कुल 1500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं. यह रकम भी हर महीने नहीं, साल के 10 महीने ही दिए जाते हैं.
शेष दो माह जो ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते स्कूलों में छुट्टी रहती है. इस दौरान स्कूल बंद होने के कारण रसोइयों को वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है.
तमिलनाडु-केरल में सबसे ज्यादा मानदेय
देश में तमिलनाडु सरकार रसोइयों को सबसे ज्यादा 12500 रुपये मानदेय दे रही है.
इसके बाद केरल का नंबर आता है. केरल सरकार रसोइयों को 12000 रुपये प्रति माह मानदेय दे रही है.
केरल सरकार 11000 रुपये राज्य सरकार की ओर से भुगतान कर रही है.
इसी तरह पांडुचेरी सरकार भी 9000 रुपये का अतिरिक्त राशि राज्य की ओर से दे रही है.
वहीं पुडुचेरी में रसोइयों को प्रति माह 10000 रुपये मानदेय मिलता है.
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य झारखंड और मध्यप्रदेश की सरकार भी रसोइयों को 2000 रुपये प्रति महीने का भुगतान करती है.