बलौदाबाज़ार कांड: कलेक्टर-एसपी निलंबित
रायपुर | संवाददाता : बलौदाबाज़ार में सतनामी समाज की भीड़ द्वारा आगजनी के मामले में पद से हटाए गए कलेक्टर और एसपी को निलंबित कर दिया गया है.
ज़िले के कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को मंगलवार को ही बलौदाबाज़ार-भाटापारा ज़िले से हटा दिया गया था.
अब गुरुवार की देर रात राज्य सरकार ने इन दोनों ही अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सतनामी समाज के धार्मिक स्थल को पहुंचाई गई क्षति की घटना को लेकर मिली शिकायतों पर कलेक्टर ने उचित कार्रवाही नहीं की.
इधर राज्य सरकार ने सतनामी समाज के जैतखाम में तोड़फोड़ के मामले में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश चंद्रभूषण बाजपेयी को न्यायिक जांच के लिए नियुक्त किया है.
चंद्रभूषण बाजपेयी 6 बिंदुओं पर मामले की जांच करेंगे.
उन्हें जांच के लिए तीन माह का समय दिया गया है.
क्या हुआ था
15 मई की रात को गिरौधपुरी से लगे हुए एक इलाके में धार्मिक प्रतीक जैतखाम में तोड़फोड़ करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होने से नाराज़ सतनामी समाज के लोगों ने सोमवार को बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर, एसपी, पंचायत समेत कई सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी थी.
इसके अलावा 77 गाड़ियों को आग लगा दी गई थी. यहाँ तक कि आग बुझाने के लिए पहुँची दमकल की दो गाड़ियों को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था.
उग्र भीड़ इस बात के लिए अड़ी हुई थी कि उनके धार्मिक प्रतीकों को तोड़ने के मामले में राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यायिक जाँच के बजाय, सीबीआई से जाँच कराई जाए.
क्यों नाराज़ था सतनामी समाज
असल में सतनामी समाज के धर्म स्थल गिरौदपुरी धाम के पास 15-16 मई को तोड़फोड़ की गई थी.
गिरौदपुरी धाम से लगभग पांच किलोमीटर दूर एक मानाकोनी बस्ती में बाघिन गुफा है.
आरोप है कि इसी स्थल पर जैतखाम और पूजा स्थल में तोड़-फोड़ की गई थी.
इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
लेकिन समाज का आरोप है कि जिन्हें गिरफ़्तार किया गया है, वो असली आरोपी नहीं हैं.
इसके बाद से ही सतनामी समाज मामले की जांच की मांग कर रहा था.
हालांकि राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जांच की घोषणा कर दी थी.
लेकिन इसके बाद भी सोमवार को नाराज़ा भीड़ ने कलेक्टर, एसपी समेत कई सरकारी कार्यालयों को आग लगा दी थी.