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कोयला घोटालाः रानू साहू-सूर्यकांत की जमानत याचिका खारिज

बिलासपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोयला घोटाले मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी है.

जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने दोनों मामलों पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया.

रानू साहू ने ईडी की निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने पर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी.

वहीं सूर्यकांत तिवारी की ओर से स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी गई थी.

दरअसल, आरोपी रानू साहू और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पहले हो चुकी थी. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

इस मामले में ईडी ने आरोप लगाया है कि रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी ने 570 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली की है.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने इन आरोपों को निराधार बताया.

लेकिन ईडी ने कहा कि घोटाले से जुड़े और भी साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किए जाएंगे.

ईडी का कहना है कि कोयला परिचालन और परमिट प्रक्रिया में गड़बड़ी के जरिए राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध वसूली की गई.

इस मामले में अब तक 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.

क्या है कोयला घोटाला

अक्टूबर 2022 में ईडी ने छत्तीसगढ़ में कई अफसरों और कारोबारियों के घर-दफ़्तर पर छापामारी की थी और आरोप लगाया था कि राज्य में एक संगठित गिरोह कोयला परिवहन में 25 रुपए प्रति टन की वसूली कर रहा है.

ईडी के दस्तावेज़ों की मानें तो 15 जुलाई 2020 को इसके लिए सरकारी अधिकारियों ने एक सोची-समझी नीति के तहत आदेश जारी किया और उसके बाद ही अवैध वसूली का सिलसिला शुरू हुआ.

ईडी के अनुसार, इस घोटाले में कई कारोबारी, कांग्रेस पार्टी के नेता और अफ़सर शामिल थे और उन्होंने अब तक इस तरीक़े से 540 करोड़ रुपए से अधिक की रक़म अवैध तरीक़े से वसूली की.

अदालत में प्रस्तुत दस्तावेज़ों में ईडी ने दावा किया है कि उसने इस संबंध में बड़ी संख्या में डायरी, फ़ोन चैट, लेन-देन के सबूत, करोड़ों रुपए नगद, सोना, अरबों रुपए की संपत्ति के ब्यौरे और दूसरे दस्तावेज़ जब्त किए.

इसके अलावा उसने अभियुक्त कारोबारियों, अफ़सरों और नेताओं की 200 करोड़ रुपए से अधिक की कथित अवैध संपत्ति भी अटैच की है.

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