कोयला घोटाले में मधु कोड़ा को 3 साल की सज़ा
नई दिल्ली | संवाददाता: कोयला घोटाला में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को तीन साल की सजा सुनाई गई है. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत के जस्टिस भरत पराशर ने कोड़ा पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
इस मामले में झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव एके बसु और उस समय के केंद्रीय कोयला सचिव रहे एचसी गुप्ता को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है. गुप्ता को एक लाख रुपये जबकि एके बसु को 20 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा.
मधु कोड़ा और दूसरे आरोपियों के ख़िलाफ़ 2007-08 में कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को गलत तरीके से पलामू जिले के राजहरा नार्थ कोल ब्लाक आवंटन करने का आरोप सिद्ध हुआ था. सरकार और इस्पात मंत्रालय ने इस कोल ब्लाक के आवंटन की अनुशंसा नहीं की थी. इसके बावजूद तत्कालीन कोयला सचिव एचसी गुप्ता और झारखंड के तत्कालीन मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु की सदस्यता वाली 36 वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने राजहरा नार्थ कोल ब्लाक विसुल को देने की सिफारिश कर दी.
इसको आधार बनाकर झारखंड की तत्कालीन मधु कोड़ा सरकार ने यह आवंटन कर दिया था. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने इस आवंटन के बदले अरबों रुपये की रिश्वतखोरी और हेराफेरी का आरोप लगाया था. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने साल 2009 में रिपोर्ट दर्ज करायी थी. इसके कुछ ही दिन बाद मधु कोड़ा गिरफ्तार कर लिए गए थे. 2015 में कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. इसके बाद से ही वे बाहर थे.