कोल ब्लॉक पर सरकार की खुली पोल
नई दिल्ली | संवाददाता: सीबीआई ने कहा है कि कोयला घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट को उसने कानून मंत्री के साथ साझा किया था. कोयला घोटाले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर दो पन्ने के हलफनामे में कहा है कि स्टेटस रिपोर्ट कानून मंत्री को दिखाया गया था. हालांकि उस रिपोर्ट में कोई फेरबदल नहीं किया गया था.
गौरतलब है कि कोयला घोटाले में सीबीआई डायरेक्टर ने कानून मंत्री और नारायण सामी से मुलाकात की थी और आरोप था कि स्टेटस रिपोर्ट तय करने के लिए सीबीआई ने सरकार से संपर्क किया. इस मुद्दे पर सरकार ने मामले को झूठा करार दिया था. अडिशनल सॉलीसिटर जनरल हरीश रावल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि रिपोर्ट कार्यपालिका के साथ शेयर नहीं की गई. लेकिन सीबीआई ने सरकार के झूठ की पोल खोल दी है.
इधर इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि कानून मंत्री, पीएमओ के दफ्तर के लोगों ने, कोल मंत्रालय के दफ्तर के लोगों ने स्टेटस रिपोर्ट देखी. हलफनामा में ये नहीं बताया गया है कि सरकार के लोगों ने क्या बदलाव मांगे और रिपोर्ट में क्या बदलाव किए गए. साथ ही और कौन कौन लोग थे जिन्होंने ये रिपोर्ट मांगी और देखी, ये भी हलफनामा में नहीं बताया गया है. प्रशांत भूषण ने कहा कि हलफनामा जितना बताता है उतना छिपाता है. सही ड्राफ्ट रिपोर्ट में क्या था और इस रिपोर्ट में क्या है? ये नहीं बताया गया है.
इस मामले को लेकर भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीबीआई के हलफनामे से सरकार का वास्तविक चेहरा सामने आ गया है. इससे साफ पता चलता है कि यूपीए सरकार राजनीतिक कारणों के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। भाजपा नेता जसवंत सिंह ने कहा कि अगर सीबीआई ने कहा है कि उसने रिपोर्ट कानून मंत्री से साझा की है तो इसकी जवाबदेही सीधे प्रधानमंत्री और कानून मंत्री की है. ऐसे में इन दोनों को इस्तीफा देनी ही चाहिये.