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कोयला आवंटन: केंद्र पर सख्त सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली | एजेंसी: केंद्र सरकार द्वारा 1995 से आवंटित किए गए कोल ब्लॉकों से संबंधित ब्यौरा न दिए जाने के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक बार फिर सरकार को फटकार लगाई. सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि सरकार द्वारा पेश किया गया ताजा हलफनामा इससे पहले न्यायालय को दी गई जानकारी से एकदम उलट है.

सर्वोच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की पीठ ने महान्यायवादी जी. ई. वाहनवती से कहा, “आपने इससे पहले न्यायालय को जो जानकारी दी थी, यह हलफनामा उससे एकदम विपरीत है.”

न्यायालय ने वाहनवती से निराशाजनक अंदाज में कहा, “यह सही तरीका नहीं है. आप एक के बाद एक जवाबी हलफनामा पेश करते जा रहे हैं.”

न्यायालय ने कहा कि ताजा हलफनामे में बताया गया है कि ‘सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड’ द्वारा 172 ब्लाकों की पहचान की गई है. न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा, “लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया है कि कौन सा ब्लॉक किसे आवंटित किया गया है.”

उन्होंने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि इन 172 ब्लाकों में से कौन से ब्लॉक सरकारी खनन कंपनियों को आवंटित किए गए और कौन से निजी कंपनियों को.” न्यायालय इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार को करेगा.

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