सेंट्रल गोंडवाना

जीतू पटवारी पर सीएम यादव का तंज, कहा-रस्सी जल गई पर…

भोपाल| डेस्कः मध्यप्रदेश में सोयाबीन के समर्थन मूल्य 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल करने पर राजनीति गरमा गई है.

इसे लेकर यहां कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को राज्य सरकार के साथ प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे.

उन्होंने कहा था कि नर्मदापुरम के कलेक्टर ने पैसा देकर यह पद पाया है. वहीं होशंगाबाद कलेक्टर ने तो पैसे देकर कलेक्टरी खरीदी है.

इन आरोपों पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने पलटवार करते हुए शनिवार को कहा है कि रस्सी जल गई है लेकिन बल नहीं गया है.

मध्यप्रदेश में सोयाबीन के समर्थन मूल्य को लेकर कांग्रेस किसान न्याय यात्रा की शुरूआत की है.

इसी यात्रा के दौरान जीतू पटवारी ने कहा था कि नर्मदापुरम और होशंगाबाद कलेक्टर का स्टिंग किया जाए तो तथ्य सामने आ जाएंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसपी, एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, थानेदार कोई भी बिना पैसे लिए काम नहीं करते. बीजेपी सरकार की यही असलियत है.

उन्होंने यह भी कहा कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलेगा ना हम चैन से बैठेंगे और ना ही सरकार को जैन से सोने देंगे.

इन्हीं आरोपों का जबाव देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस 20 साल से सत्ता से बाहर है इसलिए बौखला गई है. बीच में कुछ समय मिला तब तो वे सरकार चला नहीं पाए थे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने नर्मदापुरम जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया गया है वह प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का अपमान है. इसके लिए उन्हें माफी मांगना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी निष्ठा और शिद्दत से कार्य कर रहे हैं. सरकार सभी वर्गों की बेहतरी के लिए सभी को साथ लेकर चल रही है. सरकार सभी कर्मचारियों के साथ खड़ी है.

सीएम के इस बयान पर जीतू पटवारी ने फिर पलटवार किया है.

उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश में कर्मचारी पैसा लिए बगैर काम ही नहीं करते. एक आम आदमी लाओ जो बिना पैसे के किसी भी सरकारी विभाग में काम करवा के बताए.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को 9 महीने में घोषणा पत्र का एक भी वादा याद नहीं आया. हमारा काम जनता का दर्द सरकार तक पहुंचाना है.

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