शीघ्र ही बस्तर नक्सल आतंक से मुक्त होगा-साय
अंबिकापुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि जब सरकार का इरादा, जवानों का हौसला और जनता का संकल्प मिल जाता है, तो कोई भी हिंसक विचारधारा नहीं टिक सकती. बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है. शीघ्र ही बस्तर पूरी तरह से नक्सल आतंक से मुक्त हो जाएगा.
विष्णुदेव साय रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद जनता को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान एक पवित्र दस्तावेज है. यह वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से प्रेरित है. इसे एक ऐसे राष्ट्र के नागरिकों ने तैयार किया, जिनकी भावनाओं के मूल में विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण की सोच है. हमारी आजादी की लड़ाई की सोच हमारे संविधान में पूरी तरह से झलकती है. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में जब हमारे छत्तीसगढ़ से संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य संविधान तैयार कर रहे थे, तब निश्चय ही उनके सामने बाबा गुरु घासीदास जी के समतामूलक संदेश, शहीद वीरनारायण सिंह जी के संघर्ष की गाथा और पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का छूआछूत विरोधी संघर्ष जैसे आदर्श रहे होंगे. इन सभी के विचारों को बाबा साहेब ने अंतिम ड्राफ्ट के रूप में बहुत सुंदरता से पिरोया था.
विष्णुदेव साय ने कहा कि हमारा गणतंत्र हमें सत्यमेव जयते की सीख देता है. मुंडकोपनिषद का यह सूत्र वाक्य हमें बताता है कि अंधेरा कितना भी घना क्यों न हो, हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए. अंततः विजय सत्य की ही होती है. हमारे गणतंत्र की इस भावना की विजय हमने गंभीर नक्सलग्रस्त इलाकों में देखी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन इलाकों में माओवाद ने अपनी हिंसक विचारधारा से न केवल आम आदमी के जीवन को नरक बना दिया था अपितु भारत के गणतंत्र को चुनौती देने के लिए गनतंत्र खड़े करने की योजना बनाकर काम कर रहे थे. हमारे सुरक्षा बलों का इनसे लगातार संघर्ष चल रहा है. यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने माओवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है .
उन्होंने कहा कि इस कैंसर को नष्ट करने के लिए जरूरी था कि इसकी जड़ों पर प्रहार किया जाए. हमारे जवानों ने माओवादियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाहों में हमला किया. इसके नतीजे बहुत अच्छे रहे. एक साल के भीतर ही हमने माओवादी कैडर के 260 से अधिक आतंकियों को मार गिराया. अंधेरी सुरंग खुल गई, जो रौशनी फूटी है उससे बस्तर में विकास का उजाला फैला है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंक से मुक्ति के साथ ही बस्तर में नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास की राह भी खुल गई है. इसका माध्यम हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना बनी है. अरसे बाद स्कूलों में घंटियां गूंजी, पानी-बिजली का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हुआ. आधार कार्ड बने और आयुष्मान कार्ड भी बन गये. बस्तर अब उमंग से भरा हुआ है. हमने यहां बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया. पूरे बस्तर से 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें नक्सल हिंसा से प्रभावित परिजन भी थे. आत्मसमर्पित नक्सली भी थे और नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके दिव्यांगजन भी थे. खेलों के इस महाकुंभ में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था, हम सबके लिए यह बहुत भावुक क्षण था, बस्तर ओलंपिक नये बस्तर की पहचान बन गया.
विष्णुदेव साय ने कहा-छत्तीसगढ़ बनने के बाद शुरूआती दौर में धान खरीदी लगभग 4.63 लाख मीट्रिक टन के आसपास हुई. पिछली बार यह आंकड़ा 145 लाख मीट्रिक टन को छू गया. यह इसलिए हुआ कि हमारी सरकार किसान भाइयों को धान का सबसे अच्छा मूल्य दे रही है. हमने किसान भाइयों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ में धान खरीदा. किसानों से किये वायदे के अनुरूप हमने 13 लाख किसानों को दो साल का बकाया बोनस भी दिया. इन सबके चलते पिछले सत्र में हमने किसान भाइयों के खाते में 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किये.
उन्होंने कहा कि भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए हमने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना का शुभारंभ भी किया है. इसके अंतर्गत हम 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषकों को 10 हजार रुपए सालाना प्रदान कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने इधर के वर्षों में देखा होगा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है. कभी मानसून विलंब से आता है, तो कभी असमय बारिश हो जाती है. इस बड़े संकट से निपटने के लिए पुख्ता तैयारी भी हमने की है. हमने ऐसे बीज तैयार किये हैं, जो क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने में सक्षम हैं. एफपीओ के माध्यम से किसानों के लिए नए उद्यम के रास्ते हमने खोल दिये हैं. भारत ने एनडीडीबी अर्थात नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से अमूल के रूप में श्वेत क्रांति की. छत्तीसगढ़ में भी श्वेत क्रांति की राह हमने खोल दी है. बीते महीने हमने एनडीडीबी के साथ एमओयू किया है.
इस एमओयू के माध्यम से छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ से जुड़ी समितियों को तकनीकी जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा. अभी प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के लिए 621 सहकारी समितियां काम कर रही हैं. अब 3200 नई सहकारी समितियां बनेंगी. इस एमओयू के पश्चात, सवा लाख से अधिक किसान दूध उत्पादक समितियों से तो जुड़ेंगे ही, इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि हमारे बच्चों के भोजन में, दूध के रूप में प्रोटीन अधिक मात्रा में शामिल होगा.
विष्णुदेव साय ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए लीथियम की जरूरत होती है और इसके भंडार हमारे कोरबा, सुकमा और बस्तर जिले में है. इन खनिज संसाधनों का दोहन राज्य के आर्थिक विकास के लिए हो, इस जरूरत को पूरा करने हमारी सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में हमने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहन दें, जिनके लिए छत्तीसगढ़ की विशिष्टताओं के अनुरूप आगे बढ़ने की भरपूर संभावनाएं हों. क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए मोदी जी ने वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली टेक्नालाजी अर्थात ग्रीन उद्यमों के लिए बड़ी संभावनाएं बनी हैं. नई उद्योग नीति में हमने इसके लिए निवेश प्रोत्साहन पैकेज रखा है. छत्तीसगढ़ में उद्यमी अब ग्रीन स्टील की ओर फोकस कर रहे हैं. नई उद्योग नीति से इसके लिए बेहतर वातावरण बन रहा है. इस बात का अनुमान है, कि अगले पांच वर्षों में प्रदेश में ढाई लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा और इसके चलते पांच लाख नये रोजगार सृजित होंगे.
विष्णुदेव साय ने कहा कि हमने यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिल्ली में ट्राइबल यूथ हास्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी है. हम रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 अन्य नगरीय निकायों में ऐसी ही लाइब्रेरी बनवा रहे हैं. शासकीय सेवा के 9 हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है.
मुख्यमंत्री ने 18 लाख परिवारों को मकान और करीब 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना में नकद रकम दिए जाने की उपलब्धि का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब बनाना है, ताकि न केवल हमारे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ के नागरिकों का इलाज हो सके अपितु छत्तीसगढ़ मेडिकल टूरिज्म के भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हो. इसके लिए हमने अटल नगर नवा रायपुर में 200 एकड़ भूमि चिन्हांकित की है. यहां मेडिसिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 हजार बेड वाला अत्याधुनिक अस्पताल बनेगा. अटल नगर नवा रायपुर में हम 141 एकड़ भूमि पर फार्मास्युटिकल पार्क भी स्थापित कर रहे हैं. इससे अटल नगर नवा रायपुर, मध्य भारत का फार्मास्युटिकल हब के रूप में उभरेगा.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि गांधी जी कहते थे कि भविष्य इस बात पर निर्भर करता है, कि हम वर्तमान में क्या करते हैं. मुझे इस बात की खुशी है, कि इस वर्ष जब हम छत्तीसगढ़ के स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं तब हमने विकसित छत्तीसगढ़ की यात्रा का रोडमैप तैयार कर लिया है. वर्ष 2047 में जब आजादी के सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे तब विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का भव्य स्वरूप हम सभी के सामने होगा. इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है.