छत्तीसगढ़ में बेहद खराब मौसम वाले दिन बढ़ कर 92 हुए
रायपुर | संवाददाता: जलवायु परिवर्तन के कारण छत्तीसगढ़ समेत भारत के अलग-अलग राज्यों में बेहद खराब मौसम वाले दिनों की संख्या बढ़ गई है. इस साल 1 जनवरी से 30 सितंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि इन 274 में से 255 दिन, बेहद खराब मौसम वाले रहे हैं.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की ‘इंडिया 2024: एन असेसमेंट ऑफ इक्सट्रीम वेदर इवेंट’ नामक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है. खराब मौसम वाले दिनों से संबंधित इस विश्लेषण के लिए भारत सरकार के मौसम विज्ञान विभाग और गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों को आधार बनाया गया है.
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 1 जनवरी से 30 सितंबर तक 274 दिनों में से 255 दिनों यानी 93 फ़ीसदी, बेहद खराब मौसम वाले दिन का अनुभव किया. बेहद खराब मौसम की इन घटनाओं में 3,238 लोगों की जान चली गई, 3.2 मिलियन हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ, 235,862 घरों को नुकसान पहुंचा और 9,457 से अधिक जानवर मारे गए.
छत्तीसगढ़ का हाल
इस रिपोर्ट के अनुसार मध्य भारत में, 1 जनवरी से 30 सितंबर 2024 के 274 दिनों में 218 दिन बेहद ख़राब मौसम वाले रहे. जिसमें 1001 लोगों की मौत हुई और 2.08 मिलियन हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ.
इन आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 274 में से 92 दिन बेहद ख़राब मौसम वाले रहे. पिछले साल यानी 2023 की बात करें तो इस दौरान छत्तीसगढ़ में बेहद ख़राब मौसम वाले दिनों की संख्या 77 थी.
भारी बारिश और भारी गरमी के कारण 110 लोगों की मौत हुई. इसी तरह 54 जानवर भी मरे. कम से कम 1533 घरों को नुकसान हुआ.
छत्तीसगढ़ में इन 274 दिनों में से 48 दिन ऐसे रहे हैं, जब बिजली गिरने और तूफान की घटनाएं हुईं. इनमें 62 लोगों की मौत हुई.
इसी तरह राज्य में बाढ़ और भारी बारिश के 51 दिनों में 41 लोगों की मौत हुई. बेहद गरमी और लू वाले 10 दिनों में 7 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
तीन सालों में भारी बदलाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों में, भारत के सभी क्षेत्रों में बेहद खराब मौसम के दिनों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जिसका खामियाजा मध्य भारत को भुगतना पड़ा है.
इस क्षेत्र में 2024 में बेहद खराब मौसम के दिनों की सबसे अधिक संख्या, 218 दिन देखी गई.
इससे फसल के नुकसान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो किसानों द्वारा वहन की जाने वाली जलवायु परिवर्तन की उच्च लागत को रेखांकित करता है.