गंदगी में रायपुर टॉप टेन में
नई दिल्ली | संवाददाता: गंदगी में रायपुर देश के टॉप टेन शहरों में है. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी ‘’स्वच्छ सर्वेक्षण-2016’’ के अनुसार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को 818 अंक मिले हैं जबकि पहले नंबर पर आने वाली मैसूर को 1749 अंक मिले हैं. जाहिर है कि रायपुर को स्वच्छता के मामलें में अभी लंबी दूरी तय करनी है. शहरी विकास मंत्री एम.वैंकेया नायडू के द्वारा सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2016’ के परिणाम जारी किये गये. इस सर्वेक्षण के लिए 10 लाख से ज्यादा की आबादी के 53 शहरों और इससे अधिक की जनसंख्या न रखने वाली 22 राजधानियों का चयन किया गया था.
इस सर्वेक्षण में जनता की प्रतिक्रिया को भी शामिल किया गया है. जिसके अनुसार रायपुर में 8 फीसदी का मानना है कि रायपुर हमेशा स्वच्छ रहता है. जबकि इसके उलट 92 फीसदी का मानना है कि रायपुर हमेशा स्वच्छ नहीं रहता है. इसी तरह से 13 फीसदी का मानना है कि रायपुर में कूड़ेदान खोजने से मिल जाते हैं जबकि 87 फीसदी की राय इसके विपरीत है.
केवल 20 फीसदी ने बताया कि रोज उनके घर से कूड़े इकट्ठा किये जाते हैं तथा 80 फीसदी का कहना है कि ऐसा नहीं होता है. 27 फीसदी की राय है कि 500 मीटर के अंदर शौचालय मिल जाते हैं. 73 फीसदी का कहना है 500 मीटर के अंदर शौचालय नहीं मिल पाते हैं.
क्या सामुदायिक/ सार्वजनिक शौचालयों में बुनियादी सुविधायें उपलब्ध हैं? इस सवाल के जवाब में केवल 22 फीसदी ने ही हामी भरी है. हां, 94 फीसदी घरों में शौचालय है.
उल्लेखनीय है कि राज्य की राजधानी रायपुर की तुलना में दुर्ग शहर 46वें पायदान पर है तथा इसे 1089 अंक मिले हैं.
रायपुर की तुलना में 14 फीसद का मानना है कि दुर्ग हमेशा साफ रहता है. 16 फीसदी का मानना है कि खोजने पर कूड़ेदान मिल जाते हैं. 26 फीसदी का कहना है कि घर से कूड़े रोज इकठ्ठा किये जाते हैं. 22 फीसदी का मानना है कि 500 मीटर के अंदर शौचालय मिल जाते हैं.
क्या सामुदायिक/ सार्वजनिक शौचालयों में बुनियादी सुविधायें उपलब्ध हैं? इस सवाल के जवाब में केवल 12 फीसदी ने ही हामी भरी है. हां, 82 फीसदी घरों में शौचालय है.
यह सर्वेक्षण करने वाली भारतीय गुणवत्ता परिषद ने हर शहर में 42 स्थानों का दौरा करने के लिए 3-3 प्रशिक्षित सर्वेक्षकों की 25 टीमें तैनात की थीं, जिन्होंने प्रमुख क्षेत्रों जैसे कि रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों, धार्मिक स्थलों, प्रमुख बाजार स्थलों, झुग्गियों एवं शौचालय परिसरों समेत नियोजित एवं गैर-नियोजित आवासीय क्षेत्रों को कवर किया. सर्वेक्षण में शामिल टीमों ने साक्ष्य के तौर पर अपने दौरे वाले स्थानों की भौगोलिक जानकारी संबंधी कुल 3,066 तस्वीरें लीं और उन्हें आज वेबसाइट पर अपलोड किया गया.
श्री नायडू ने कहा कि सभी 73 शहरों को अग्रिम तौर पर काफी पहले ही विस्तृत रूप से जानकारी दे दी गई थी, ताकि साफ-सफाई में बेहतरी के साथ-साथ सर्वेक्षण वाली टीमों द्वारा सत्यापन के लिए अपने प्रयासों के दस्तावेजी प्रमाण पेश किए जा सकें. एक लाख से भी ज्यादा नागरिकों ने संबंधित शहरों में साफ-सफाई पर अपने फीडबैक पेश किए, जिससे वर्ष 2016 में किया गया सर्वेक्षण साक्ष्य आधारित और सहभागितापूर्ण साबित हुआ है.