स्वच्छता अभियान: कथनी-करनी में फर्क
स्वच्छ भारत अभियान पर खुद इसके एक ब्रांड एंबेस्डर ने सवाल उठाए हैं. यह ब्रांड एंबेसडर कांग्रेस नेता शशि थरूर हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ अन्य लोगों के साथ शशि थरूर को स्वच्छ भारत अभियान का ब्रांड एंबेस्डर बनाया था. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में धुआंधार प्रचार को ठोस कार्रवाई में नहीं बदल सकी है.
थरूर ने एक खास मुलाकात में कहा, “जहां तक स्वच्छता अभियान की बात है तो कहा जा सकता है कि इस बात के खास सबूत नहीं मिल रहे हैं कि अभियान के बारे में कही जा रही बातों और सचमुच किए जा रहे काम में समानता है.” उन्होंने कहा कि ऐसे में लगता है कि उनकी कांग्रेस पार्टी द्वारा इस अभियान की आलोचना गलत नहीं है.
थरूर ने कहा, “योजना के लिए केंद्र से संसाधन नहीं मिल रहे हैं. योजना के प्रचार का बजट इस वित्तीय वर्ष में सफाई के लिए मिले बजट से पांच गुना ज्यादा है.” थरूर ने कहा कि सफाई के लिए मोदी सरकार का बजट मनमोहन सरकार के बजट से कम है.
स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर थरूर ने कहा कि हमें शौचालय बनाने से ज्यादा काम करने की जरूरत है. शीर्ष पर कही जाने वाली बातों का साम्य जमीनी स्तर पर होने वाले काम के साथ होना चाहिए.
थरूर ने कहा अभियान के लिए विशेष कोष बनना चाहिए और इसे करने के लिए केंद्रीय संवर्ग बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “मोदीजी ने एक स्वच्छ भारत कोष की स्थापना की बात कही थी. आज की तारीख तक यह काम नहीं हुआ.”
थरूर ने हालांकि यह माना कि मोदी के ताबड़तोड़ प्रचार अभियान का भी महत्व है. उन्होंने कहा, “इस सबका महत्व है. मैं इसे मानता हूं. लेकिन इसे यहीं पर रुक नहीं जाना चाहिए. जमीनी स्तर पर प्रगति दिखनी चाहिए. इसे महज प्रचार की दुनिया में ही नहीं सिमटे रहना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए जरूरी है कि स्थानीय आबादी को इसमें शामिल किया जाए.
थरूर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र तिरुवनंतपुरम में स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया था. वह कई मौकों पर मोदी की तारीफ कर अपनी पार्टी के नेताओं के निशाने पर आते रहे हैं.