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चीन की धमकी- निवेश कम कर देंगे

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: चीन के सामान के बहिष्कार का असर दिखने लगा है. भारत में गैर सरकारी सामाजिक संगठन तथा सोशल मीडिया में चीनी समानों के बहिष्कार के आव्हान् का असर चीन पर दिखने लगा है. गुरुवार को नई दिल्ली स्थित चीन के दूतावास के प्रवक्ता जी लियान ने कहा, “चीन इस तरह के बहिष्कार से चिंतित है, इसका चीनी इन्टरप्रेन्यूर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, इसके साथ ही दोनों देशों के बीच के संबंध और निवेश पर भी उसका असर पड़ सकता है जो चीन और भारत दोनों देशों के लोग देखना पसंद नहीं करेंगे.”

दीवाली पर चीनी सामानों के बहिष्कार पर चीन के दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, “यह बहिष्कार सिर्फ दिवाली के सामानों तक सीमित नहीं रहेगा. इसका असर आगे भी दिख सकता है.”

उल्लेखनीय है कि दक्षिण एशिया में भारत चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और चीन के लिये 9वां सबसे बड़ा निर्यातक बाजार है. कई संगठनों ने इस बाच दिवाली पर चीनी सामानों के बहिष्कार का एलान किया है लेकिन भारत सरकार की तरफ से ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.

चीन ने साल 2015 में 2266.5 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया था. हालांकि, भारत कुल चीनी निर्यात का मात्र 2 फीसदी सामान ही वहां से आयात करता है.

गौरतलब है कि भारत में आधारभूत संरचनाओं के विकास में चीनी निवेश की बड़ी भूमिका है. जाहिर है कि चीन साफ-साफ धमकी दे रहा है कि यदि उसके सामानों का बहिष्कार जारी रहा तो वह भारत में निवेश करना बंद कर देगा.

चीन ने साल 2015 में भारत में 870 UD$ mn निवेश किया था जो पिछले साल की तुलना में छः गुना है. जहां तक आयात की बात है भारत में जितना आयात किया जाता है उसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी चीन में बने सामानों की होती है.

साल 2014-15 में भारत के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 13.5021 फीसदी थी जो साल 2015-16 में बढ़कर 16.2247 फीसदी की हो गई. हां, चीन के लिये यह निर्यात महज 2 फीसदी का ही है.

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