इजरायली हमले: चीन ने की निंदा
गाजा | समाचार डेस्क: इजरायल और हमास के बीच चल रहे घमासान में शनिवार को गाजा में मृतकों की संख्या बढ़कर 330 हो गई. इस बीच संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि लियु जियी ने मध्य-पूर्व के मौजूदा हालात पर सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है.
लियु ने कहा, “हम संबंधित पक्षों से युद्धस्थिति से बचने, गाजा से सैनिकों को वापस बुलाने, गाजा में जारी गतिरोध को समाप्त करने और संयुक्त राष्ट्र व अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी सहायता एजेंसियों को गाजा में प्रवेश की इजाजत देने की अपील करते हैं, ताकि स्थानीय लोगों को तकलीफ से राहत मिले.”
उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की लगातार की जा रही अपील के बावजूद इजरायल गाजा में बड़े स्तर पर हवाई हमले कर रहा है और गाजा में अपनी थल सेना भेजी है जिससे महिलाओं व बच्चों सहित कई आम नागरिकों को जान गंवानी पड़ी है.”
लियु ने इन गतिविधियों पर दुख और चिंता जाहिर करते हुए कहा, “चीन सेना के गलत इस्तेमाल की निंदा करता है. निर्दोष लोगों की जान लेने वाली कोई भी गतिविधि किसी भी कारण से जायज नहीं ठहराई जा सकती और न ही इसे स्वीकार किया जा सकता है. इस तरह की सैन्य गतिविधियां समस्या का समाधान करने की बजाय खूनखराबा, विनाश और नफरत को बढ़ावा देगी.”
शनिवार को संघर्ष का 13वां दिन था. इजरायली हमलों में 2400 लोग घायल हुए हैं. मरने वालों और घायलों में ज्यादातर नागरिक हैं. यह जानकारी चिकित्सा सूत्रों ने दी. इस बीच चीन ने गाजा पट्टी पर इजरायल और फिलीस्तीनी हमास मूवमेंट के बीच तत्काल संघर्ष विराम लागू करने तथा सैन्य गतिविधियों से बचने की अपील की है.
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक सूत्रों ने बताया है कि इजरायल के ‘आपरेशन प्रोटेक्टिव एज’ के तहत हमले तेज करने के कारण मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इजरायल ने गाजा पर हवाई हमले और नौसेना की गोलीबारी तेज कर दी है.
24 घंटों में तटीय एन्क्लेव के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में शहरों पर इजरायली हमलों के कारण 70 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. पिछले पांच वर्षो में इजरायल का फिलिस्तीनी आतंकवादी गुट हमास नियंत्रित गाजा पर पहला आक्रमण है.
सबसे ज्यादा बमबारी बेइत लाहिया और बेइत हनोउन शहरों पर हो रहे हैं जहां इजरायली बलों के हमले में एक ही परिवार के आठ लोग मारे गए. मारे गए लोगों में चार बच्चे भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि आठ जुलाई को इजरायल ने आपरेशन प्रोएक्टिव एज के नाम से अपना सफाया अभियान शुरू किया.