छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री के गृह जिले में स्कूली बच्चे पी रहे ढोढ़ी और तालाब का पानी

जशपुर। संवाददाताः छत्तीसगढ़ सरकार स्कूलों में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, उसके बावजूद बच्चों को साफ पानी नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री के गृह जिले जशपुर में भी स्कूल के बच्चे ढोढी, कुआं और तालाब का पानी पीने को मजबूर हैं.

जशपुर जिले के सरकारी स्कूलों में साफ पानी पहुंचाने रनिंग वॉटर सप्लाई योजना शुरू की गई है. इसके लिए एक-एक स्कूल में लगभग 1 लाख रुपए तक खर्च किए गए हैं.

जिले के 444 ग्राम पंचायतों में संचालित स्कूलों के लिए लगभग 35 करोड़ रुपए अब तक खर्च किए जा चुके हैं. इस योजना को मूर्त रूप देने की जवाबदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी.

पंचायतों द्वारा पिछले साल स्कूलों में पाइप लाइन बिछाकर छतों पर टंकी लगाई गई. टंकी से कमरों तक नल कनेक्शन किया गया.

टंकी तक पानी पहुंचाने स्कूल कैंपस में पहले से लगे हैंडपंपों को उखाड़ कर सबमर्सिबल पंप डाला गया.

काम चल ही रहा था कि स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शुरु हो गईं. नए सत्र में स्कूल खुले, तब तक सबमर्सिबल पंप खराब हो चुके थे. जिन स्कूलों के पंप ठीक हैं, वहां के बोर सूख गए.

अब स्कूलों की स्थिति ऐसी हो गई है कि पानी के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है.

रसोइए मध्यान्ह भोजन बनाने ढोढ़ी, कुआं या फिर तालाब से पानी ला रहे हैं. बच्चे भी उसी पानी को पी रहे हैं.

रनिंग वॉटर सप्लाई योजना का काम जशपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत बालछापर के छोटाबनई के प्राथमिक शाला में भी हुआ है.

स्कूल में लगे हैंडपंप को उखाड़ कर सबमर्सिबल पंप लगाया गया है. लेकिन सबमर्सिबल पंप खराब होने के कारण स्कूल में पानी आने का कोई दूसरा साधन नहीं है.

मध्यान्ह भोजन बनाने स्कूल से 600 मीटर दूर खेत में बनी ढोढ़ी से पानी लाया जा रहा है.

बच्चे भी इसी पानी को पी रहे हैं.

जहां बिजली नहीं, वहां लगाया सबमर्सिबल पंप

यही हाल जशपुर ब्लॉक के प्राथमिक शाला चेंगोटोली की है,जहां स्कूल के साथ आंगनबाड़ी केंद्र को भी रनिंग वॉटर योजना से जोड़ा गया है.

वहां भी हैंडपंप उखाड़ कर पंप लगाया गया, लेकिन पाइप लाइन के कनेक्शन को पंप से जोड़ा नहीं गया.

सबसे बड़ी बात ये है कि इस स्कूल में बिजली नहीं है. जाहिर है, बिना बिजली के सबमर्सिबल पंप नहीं चल सकता.

शाला में नई व्यवस्था ठप्प है, वहीं पुरानी व्यवस्था को भी हटा दिया गया है. स्कूल में गांव के कुएं से पानी लाया जा रहा है.

घर से पीने का पानी लाते हैं बच्चे

फरसाबहार ब्लॉक के प्राथमिक शाला जगदमपुर में दो बोर हैं.

एक में पंप लगा है, जो खराब है और दूसरे में हैंडपंप लगा है, जिसमें से मटमैला पानी निकलता है.

यहां के बच्चे अपने साथ घर से पीने के लिए पानी लाते हैं.

हैंडपंप से पी रहे पानी

फरसाबहार ब्लॉक के प्राथमिक शाला रेंगालमुड़ा का हाल भी इन्हीं स्कूलों से मिलता-जुलता है.

यहां के नल से भी कभी पानी निकला ही नहीं. दिखावे के लिए लगे पंप कनेक्शन को शिक्षकों ने मांग कर निकलवा दिया है.

यहां बोर में फिर से हैंडपंप लगाया गया है.

रसोइयों सहित बच्चे बरसात के मौसम में हैंडपंप से पानी पी रहे हैं.

पंचायतों को करना है रख रखाव

इस मामले में पीएचई के ईई एसबी सिंह का कहना है कि स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में रनिंग वॉटर का काम पंचायतों ने किया है.

इसके रख-रखाव का काम भी पंचायतों को करना है.

जनपद पंचायत फरसबहार के सीईओ, रधुनाथ राम का कहना है कि इस मामले में अब तक कहीं से शिकायत नहीं मिली है. लेकिन अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है तो उसकी जांच कराई जाएगी.

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