महिला फूड अफसर छोड़ने लगीं नौकरी
बिलासपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ में होटलों तथा मिठाई दुकानों-रेस्टारेंट की जांच करनेवाले फूड एंड ड्रग अफसरों की कमी की वजह से राज्य सरकार ने 38 अफसरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की. इनमें से 23 ने नौकरी ज्वाइन कर ली. इन्होंने बाकायदा ट्रेनिंग भी ली, लेकिन जैसे ही फील्ड पर उतरने की बारी आई, महिला अफसर धड़ाधड़ नौकरी छोड़ने लगीं. वजह बताई जा रही है कि महिलाओं को होटलों और मिठाई दुकानों में जाकर फूड सैंपल लेना रास नहीं आ रहा है. सूबे में रायपुर सहित तीन शहरों से महिला अफसर नौकरी छोड़ चुकी हैं. धमतरी में भी चौथी अफसर ने भी नौकरी छोड़ने की अर्जी दे दी है. अफसरों की कमी झेल रहे फूड एंड ड्रग सेफ्टी विभाग को इससे झटका लगा है. हालात ये हैं कि इस वक्त राज्य में एक भी पूर्णकालिक खाद्य सुरक्षा अफसर एक भी नहीं है.
स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल अफसर ही अतिरिक्त प्रभार में यह काम कर रहे हैं. इसलिए शासन ने 2011 में 38 अफसरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी. हाल में 23 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने ज्वाइनिंग ली और मैदान में उतर गए, लेकिन नौकरी छोड़ने से विभाग का समीकरण ही गड़बड़ा रहा है.
उधर, महिला अफसरों का तर्क है कि खाद्य सामग्री का सैंपल लेने में कई अड़चनें हैं. कई बार जांच टीम को व्यापारियों के बुरे बर्ताव का सामना करना पड़ता है. महिलाओं के लिए यह आसान नहीं है. यही वजह है कि विकल्प मिलते ही महिलाएं यह नौकरी छोड़ रही हैं. हालात ये हैं कि रायपुर में महिला अफसर के नौकरी छोड़ने के बाद अब यहां केवल एक पूर्णकालिक अफसर बचा है. यहां अब भी स्वास्थ्य विभाग के दो अफसर सैंपल लेने का काम कर रहे हैं.
खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम 2011 में लागू हुआ. नियम के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल अफसरों को ही यह काम सौंपा गया. लेकिन कई जिलों में मेडिकल अफसरों ने यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया. नतीजा ये हुआ कि अभी प्रदेश में सिर्फ आधा दर्जन अफसर ही सैंपल ले रहे हैं. राज्य शासन ने अफसरों की भर्ती चयन परीक्षा लेकर की थी.
लोक विश्लेषक एस.एस. तोमर ने कहा कि महिला अफसरों के नौकरी छोड़ने से दिक्कतें बढ़ गई हैं. महज 23 लोगों ने ज्वाइनिंग ली, उनमें से भी लगभग आधा दर्जन लोगों के नौकरी छोड़ने की वजह से सिर्फ 17 खाद्य अधिकारी ही विभाग के पास हैं. तोमर के अनुसार रिक्त हुए पदों पर वेटिंग वालों को मौका दिया जा सकता है.
बहरहाल खाद्य निरीक्षकों की कमी से जूझ रहे विभाग को अब फिर से नए अधिकारीयों का इंतजार रहेगा.