अमृत दूध मामले में विपक्ष का वाकआउट
रायपुर | संवाददाता: अमृत दूध से जुड़े सवालों के बाद सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष ने वाकआउट किया. विधानसभा में अकलतरा के विधायक चुन्नीलाल साहू के सवाल पर महिला बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने जवाब दिया अमृत दूध पीने के बाद अब तक किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है. बीजापुर के 2 बच्चों की मौत श्वास नली में चावल का दाना फंसने से हुई. जांजगीर जिले के बर्रा गाँव में जो बच्चे बीमार पड़े थे, उन्होंने आंगनबाड़ी से जाकर घर में कुछ खाया होगा.
विपक्ष ने सवाल किया मृतकों के बिसरा रिपोर्ट आने के पहले सरकार ने यह कैसे तय कर लिया कि दूध पीने से मौत नहीं हुई है. शिवरतन शर्मा ने कहा कि पैकेट से जब 10 बच्चे ने दूध पिया फिर 2 बच्चों की मौत कैसे हुई.
कांग्रेस के भूपेश बघेल और सत्यनारायण शर्मा का आरोप जिस प्लांट में अमृत दूध की पैकेजिंग हो रही है, उसी प्लांट में पहले सोया दूध पिलाया गया, बाद में सरकार ने बंद कर दिया. फिर उसी कंपनी को दोबारा दूध पैकेजिंग का काम क्यों दिया गया.
विपक्ष ने की जांच की मांग. मंत्री ने कहा जांच की जरूरत नहीं. महिला बाल विकास मंत्री रमशीला साहू के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाक आउट किया.
इसके बाद विधानसभा में विधायक कवासी लखमा ने शून्यकाल में पूछा बच्चों को घर में रखें तो सेप्टिक टैंक में गिरकर मौत, आंगनबाड़ी भेजें तो अमृत दूध पीकर मौत, सरकार बताये बच्चों को कहाँ भेजें?