आउटसोर्सिंग में रखे शिक्षकों को 70 करोड़ की चपत
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने विद्या मितान को शिक्षक पद पर नियमित करने की मांग की है. सिंहदेव ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश में आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त ‘विद्या मितान’ को ‘शिक्षक’ के पद पर जल्द नियमित किया जाए. इस नियमितीकरण में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाए.
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि शिक्षकों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2016-17 में आउटसोर्सिंग के माध्यम से बस्तर व सरगुजा में प्लेसमेंट एजेसियों के जरिए ‘विद्या मितान’ की नियुक्तियां की है. वर्तमान में प्रदेश में लगभग 6000 ‘विद्यामितान’ कार्यरत हैं. उनकी योग्यता व अर्हता ‘शिक्षक’ के पद के अनुरूप है.
सिंहदेव ने कहा कि प्लेसमेंट एजेन्सियों द्वारा नियुक्त ‘विद्या मितान’ शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है. इन शिक्षकों को प्लेसमेंट एजेन्सियों द्वारा निर्धारित मानदेय 28 हजार रुपये पर हस्ताक्षर कराया जाता है, किन्तु उन्हें 15000 से 18000 रुपए का ही भुगतान किया जा रहा है. विद्या मितान शिक्षकों को 10 हजार रुपए कम दिये जा रहे हैं. यदि अंतर की राशि को देखा जाए तो इसमें लगभग 70 करोड़ रुपए सालाना का आउटसोर्सिंग कंपनियों को अनैतिक अतिरिक्त लाभ मिलना दर्शाता है.
टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि विद्या मितान को प्रदेश के मूल निवासियों को शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति दिये जाने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करें और प्रदेश के बेरोजगारों को नियुक्ति का अवसर दें.