छत्तीसगढ़ में IAS घूस देते पकड़ाया- भूपेश
रायपुर | संवाददाता: भूपेश बूघेल ने कहा छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां IAS घूस देते पकड़ाया है. बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्यमंत्री रमन सिंह के विभागों की अनुगान मांगों पर चर्चा चल रही थी. उस चर्चा में भाग लेते हुये विधायक तथा छत्तीसगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने तंज कसा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां पर आईएएस अफसर घूस देते हुये पकड़ाया है. भूपेश बघेल हाल ही में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईएएस अफसर बाबूलाल अग्रवाल की बात कर रहे थे.
भूपेश बघेल ने बाबूलाल अग्रवाल का जिक्र करते हुये कहा कि उन्हें रायपुर की सेन्ट्रल जेल में होना चाहिये परन्तु वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं. भूपेश बघेल का कहना था कि सीबीआई ने तो कार्यवाही की है परन्तु राज्य का एंटी करप्शन ब्यूरो, आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग तथा लोक आयोग जैसी तमाम संस्ताओँ ने उन्हें छोड़ दिया था. इतना ही नहीं उन्हें सरकार ने प्रमोशन भी दे दिया था. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ छोटा राज्य है परन्तु इसके 12 फीसदी प्रशासनिक अफसरों पर गंभीर आर्थिक अनियमितताओं तथा भ्रष्ट्राचार के आरोप हैं.
उल्लेखनीय है कि बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई में चल रहे अपने मामले को खत्म करने के लिये कथित रुप से पीएमओ के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है. 18 फरवरी को सीबीआई ने बाबूलाल के घर छापा मार कर कई घंटों तक पूछताछ की थी और दस्तावेजों को जब्त किया था. 1988 बैच के बाबूलाल अग्रवाल गिरफ्तारी के वक्त छत्तीसगढ़ सरकार में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव थे. बाबूलाल अग्रवाल को सीबीआई अपने साथ दिल्ली ले गई. दिल्ली में बाबूलाल अग्रवाल को अदालत में पेश किया गया था. तब से बाबूलाल अग्रवाल सहित अन्य आरोपी तिहाड़ जेल में बंद हैं.
बाबूलाल अग्रवाल का नाम 2010 में पहली बार उस समय चर्चा में आया था, जब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाद की कार्रवाई हुई थी. बाबूलाल पर आरोप लगा कि उन्होंने रायपुर ज़िले के खरोरा के 220 गांव वालों के नाम से फर्जी बैंक खाते खुलवा कर उसमें भारी निवेश किया है. बाबूलाल पर 253 करोड़ की संपत्ति तथा 85 लाख के बीमा की खबरें सामने आई थीं.
इसकी कई कहानियां छपी, अफवाहें उड़ीं, बाबू लाल निलंबित हुये और अंततः सरकार ने बाबूलाल अग्रवाल को बेदाग घोषित करते हुये उन्हें महत्वूर्ण पद दे दिया. बाबूलाल अग्रवाल का दावा है कि उन्होंने पूरे मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसके बाद उन्हें बेदाग घोषित किया गया.
इधर आयकर विभाग ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था और आरोप है कि इसी मामले को खत्म करने के लिये कथित रुप से डेढ़ करोड़ की रिश्वत देने की कोशिश की गई. यहां तक कि इस मामले में सीबीआई ने रिश्वत के रुप में दिये जाने वाला दो किलोग्राम सोना भी जब्त किया था.