छत्तीसगढ़: बस्तर में मेगा स्टील प्लांट
रायपुर | संवाददाता: प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष नौ मई को बस्तर के ग्राम डिलमिली में अल्ट्रामेगा स्टील प्लांट की स्थापना के लिए एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट की स्थापना स्टील प्रोजेक्ट के माध्यम से भारतीय इस्पात प्राधिकरण और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड की संयुक्त उपक्रम कम्पनी के द्वारा की जाएगी. इसमें सेल की 74 प्रतिशत और एन.एम.डी.सी. की 26 प्रतिशत भागीदारी होगी.
अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट की परियोजना से छत्तीसगढ़ राज्य में 18 हजार करोड़ रूपए से भी अधिक पूंजी का सीधा निवेश होगा. इसके साथ ही परियोजना में दस हजार से भी ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे.
इस प्रोजेक्ट की स्थापना से बस्तर अंचल में अन्य सहायक उद्योगों की स्थापना के लिए भी मार्ग प्रशस्त होगा. इसके अलावा आदिवासी बहुल क्षेत्र में अधोसंरचना का विकास होने पर सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी आएगी.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शनिवार को रायपुर में कहा कि बस्तर क्षेत्र में लौह अयस्क के विपुल भण्डार हैं. वर्तमान में बस्तर जिले में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम का इस्पात संयंत्र का निर्माण लगभग पूर्णता की ओर है. इसी कड़ी में जिले के ग्राम डिलमिली में संयुक्त उपक्रम के माध्यम से अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट की स्थापना का निर्णय लिया गया है. इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता तीन मिलियन टन होगी.
अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट के इस प्रोजेक्ट को लौह अयस्क की आपूर्ति के लिए एक अलग माइनिंग एस.पी.व्ही. का संयुक्त उपक्रम बनाया जाएगा, जिसमें राज्य सरकार के उपक्रम छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम की 49 प्रतिशत, सेल की 25 प्रतिशत और एन.एम.डी.सी. की 26 प्रतिशत भागीदारी होगी.
केन्द्र और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों की इस माइनिंग कम्पनी को बस्तर क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाले प्लांट के नजदीकी इलाके में उपलब्ध लौह अयस्क भण्डारों को आरक्षित कर आवंटन किया जाएगा.
इस परियोजना के अलावा एन.एम.डी.सी. द्वारा चार हजार करोड़ रूपए का निवेश बस्तर अंचल में किया जाएगा. इसके अन्तर्गत बचेली और किरन्दुल में 1675 करोड़ रूपए की लागत से दस मिलियन टन वार्षिक क्षमता का आयरन ओर प्रोसेसिंग प्लांट, 800 करोड़ रूपए की लागत से नगरनार में दो मिलियन टन वार्षिक क्षमता का पेलेट प्लांट और किरन्दुल/बचेली से नगरनार तक स्लरी पाइंप लाईन तथा अन्य कार्यों के लिए 1525 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा.
इस प्रकार बस्तर अंचल में लगभग 24 हजार करोड़ रूपए का निवेश होगा और यह इलाका औद्योगिक विकास में देश के अन्य क्षेत्रों की तरह अग्रणी होगा.