छत्तीसगढ़ में डॉलर से महंगा टमाटर
रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के बाजारों में टमाटर का खुदरा भाव 90 रुपये किलो हो गया है. वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अमरीकी डॉलर की कीमत देश में 60 रुपये के करीब है. इसका अर्थ यह हुआ कि छत्तीसगढ़ में टमाटर की कीमत अमरीकी डॉलर से डेढ़ गुना है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में थोक बाजार के मूल्य से डेढ़ गुनी कीमत पर खुदरा में टमाटर बेचा जा रहा है. इसके बावजूद जरूरी कदम नहीं उठाये गये हैं.
इसमें ताज्जुब की बात यह कि थोक में इसकी आधी कीमत पर ही बिक रहा है. पिछले एक पखवाड़े में राजधानी रायपुर तथा प्रदेश के बाजारों में टमाटर 50 रुपये किलोग्राम से बढ़कर 70, फिर 90 रुपये किलो तक पहुंच गया. थोक कारोबारियों का दावा है कि हफ्तेभर पहले, जब बाहर से टमाटर की आवक कम थी, तब भी थोक में इसका अधिकतम रेट 36 से 45 रुपये किलो ही था.
थोक सब्जी विक्रेता और उत्पादक टी. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि राजधानी और राज्य में अब तक टमाटर का अधिकतम थोक रेट 50 रुपये किलो तक पहुंचा है. यह रेट पांच साल पहले भी आवक घटने के कारण हुआ था. लेकिन तब खुदरा कारोबारियों ने टमाटर 60 रुपये किलो से ज्यादा दर पर नहीं बेचा था.
खुदरा बाजारों में यह बेहद संकट के समय भी 50-55 रुपये किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए था, लेकिन खुदरा कारोबारियों ने दिल्ली-मुंबई से आने वाली खबरों और अफवाहों के आधार पर टमाटर में दोगुना मुनाफा लिया है. टमाटर के रेट की पड़ताल में पता चला कि थोक में रेट पिछले तीन दिन से और कम हो रहा है.
कारोबारियों के मुताबिक, प्रदेश में टमाटर का थोक कारोबार कैरेट के आधार पर चलता है. तीन दिन पहले तक एक कैरेट 1,000 रुपये से 1,200 रुपये का था. एक कैरेट में करीब 26 किलो टमाटर आता है. यानी प्रति किलो कीमत 38 से 45 रुपये ही थी. इस लिहाज से बाजारों में खुदरा में टमाटर लोगों को अधिकतम 55 रुपये किलो में मिलना चाहिए था.
इस बीच टमाटर को लेकर इतनी तेजी से अफवाहें फैलीं कि दाम 80 से 90 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गया.
खुदरा सब्जी कारोबार असंगठित क्षेत्र का व्यवसाय है. यहां कीमतों पर नियंत्रण नहीं है. चूंकि पूरे प्रदेश में टमाटर की आपूर्ति रायपुर की शास्त्री बाजार थोक मंडी से होती है, इसलिए दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव सहित अन्य शहरों के कारोबारियों ने भी वहां कीमतें बढ़ा दीं.
पूरी आवक बाहर से छत्तीसगढ़ में मुख्यत: टमाटर बेंगलुरू और नासिक से आता है. सबसे ज्यादा टमाटर रायपुर के शास्त्री बाजार में उतरता है. यहां से राज्यभर में भेजा जाता है. रायपुर में रोज 50 टन और पूरे प्रदेश में करीब 200 टन की खपत है. इसमें लोकल बाड़ियों से आपूर्ति महज 10 से 15 फीसदी ही है. दोनों शहरों से आवक कम होने पर ही छत्तीसगढ़ में कीमत बढ़ती है.