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खनिज क्षेत्र से रोजगार बढ़ेगा: तोमर

रायपुर | समाचार डेस्क: केन्द्रीय खान मंत्री तोमर ने रायपुर में कहा खनिज क्षेत्र से देश में रोजगार बढ़ेगा. केंद्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां सोमवार को कहा कि देश के खनिज बहुल क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की बड़ी संभावनाएं हैं, इसलिए इन क्षेत्रों का विकास जरूरी है.

छत्तीसगढ़ की राजधानी में सोमवार को शुरू हुए दो दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय खान एवं खनिज संगोष्ठी के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि राष्ट्र के आर्थिक विकास और जीडीपी को बढ़ाने में भी खनिज क्षेत्र काफी सहायक है. खनिज व्यवसाय में लगे व्यक्ति और संस्थान भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि खनिज व्यवसायी भी भारत के भविष्य के निर्माता हैं. भारत को सजाने-संवारने में उनकी सराहनीय भूमिका है.

तोमर ने देश में पहली बार राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी के आयोजन और इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य के चयन का उल्लेख करते हुए कहा कि खनिज नीति बनाने में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी सराहनीय योगदान दिया है.

उन्होंने कहा कि यह पहला राज्य है, जहां आज जिला खनिज न्यास की राशि से दंतेवाड़ा जिले के चयनित गांवों के लिए 25 करोड़ रुपये के विकास कार्यो की शुरुआत हो रही है.

तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के खनिज क्षेत्रों के निवासियों के हितों को ध्यान में रखकर खनिज क्षेत्र कल्याण योजना बनाई है.

उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में नई खनिज नीति के जरिये खदान आवंटन का एक मात्र रास्ता नीलामी की प्रक्रिया को बनाया गया है. पूरी पारदर्शिता के साथ यह कार्य हो रहा है. अब तक सात खदानों की नीलामी से केंद्र को लगभग 29 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलना सुनिश्चित हुआ है. इसमें से 13 हजार करोड़ रुपये राज्यों को जारी किए गए हैं.

तोमर ने कहा कि देश के लगभग 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में से अभी केवल 8 लाख वर्ग किलोमीटर में खनिज संभावनाएं तलाशी गई हैं. खनिज क्षेत्रों का विकास होगा तो रोजगार भी बढ़ेगा.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय खनिज नीति से देश के विकास के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खुलने लगे हैं. “हम सब अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए खनिजों के संतुलित दोहन के लिए वचनबद्ध हैं.”

मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के खदान क्षेत्रों में भू-विस्थापितों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईटीआई कृषि और आईआईटी जैसी उच्च तकनीकी शिक्षा के लिए पूरी फीस अपनी ओर से देगी.

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