छत्तीसगढ़ की इमली पहुंची खाड़ी देश
रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर में इमली की पैदावार बड़ी मात्रा में होती है. यहां के वनोपज में प्रमुख उपज इमली को माना जाता है. गर्मी के मौसम में यहां के जंगलों व गली-मोहल्लों में लगे इमली के पेड़ों पर इसकी खूब पैदावार होती है. बस्तर की इमली अब खाड़ी देशों तक पहुंचने लगी है. पिछले कुछ वर्षो में अरब देशों में इसे निर्यात किया जा रहा है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु सहित देश के अन्य राज्यों में भी इमली की आपूर्ति बस्तर से ही हो रही है.
बस्तर में इमली का बड़ा कारोबार करने वाले विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि इस साल कुछ राज्यों में इमली की बंपर पैदावार हुई है. फिर भी बस्तर की इमली की डिमांड देशभर में इसके रंग के चलते बनी हुई है. उन्होंने बताया कि कुछ लोग इसे दिल्ली के व्यापारियों के हाथों भी बेच रहे हैं.
इस साल से तो सरकार ने भी समर्थन मूल्य पर इमली की खरीदी शुरू कर दी है. सरकारी खरीदी के चलते ग्रामीणों को व्यापारी भी अच्छा खासा दाम दे रहे हैं. गर्मी में इमली की पैदावार से ग्रामीण अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं. इमली के विक्रय से लेकर इसे साफ करने के लिए ग्रामीणों को अच्छा खासा मेहनताना मिल जाता है.
गांव-गांव में इमली की सफाई और इसके बीज निकालने के लिए व्यपारियों ने फड़ खोल रखे हैं. पहले ग्रामीणों से उनकी इमली हाट-बाजारों में खरीदी जाती है और इसे जमा कर फिर इसे साफ करवाने का काम भी इन्हीं से ही करवाया जाता है. ऐसे में ग्रामीणों को दोहरा लाभ हो रहा है. आनेवाले समय में व्यवस्थित तरीके से इमली का एक बड़ा कारोबार यहां हजारों को रोजी-रोटी का साधन मुहैया कराएगा.