छत्तीसगढ़: दागी अफसर हटाये जायेंगे
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में दागी अफसरों को संवेदशील पदों से हटाया जायेगा. छत्तीसगढ़ में जिन अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो तथा राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में अपराधिक प्रकरण दर्ज होगा वे किसी भी संवेदनशील पदों पर नहीं रह पायेंगे. साथ ही जिस भी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ ब्यूरो द्वारा अदालत में चालान पेश किया जायेगा उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जायेगा. इस आशय का निर्देश सामान्य प्रसासन विभाग ने जारी किया है.
इससे पहले इस बारे में सरकारी विभागों में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी. इस कारण से ब्यूरो द्वारा प्रकरण दर्ज होने के बावजूद भी कई विभाग उचित कार्यवाही नहीं कर पा रहे थे. अलग-अलग विभागों में अलग-अलग कार्यवाही की जा रही थी. दरअसल, जो निर्देश तथा नियम थे वे सभी अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से चले आ रहे थे.
छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रसासन विभाग ने बारे में सभी विभागों, जिला कलेक्टरों तथा कमिश्नरों को निर्देश जारी कर दिये हैं. इसकी पुष्टि सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव निधि छब्बर ने की है.
बता दे कि छत्तीसगढ़ में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 23 अफसरों तथा भारतीय वन सेवा के 6 अफसरों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो तथा राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पिछले 4 साल से आपराधिक मामले दर्ज हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले केन्द्र सरकार ने सरकारी अधिकारियों तथा अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों के खिलाफ जांच की समय सीमा तय कर दी.
इसके अनुसार-
* विभागीय जांच और रिपोर्ट प्रस्तुति के लिये 6 महीने की समय सीमा तय की गई है.
* यदि किसी मामले में 6 महीने के अंदर जांच संभव नहीं होती, तो उसके उचित कारणों को लिखित रूप से रिकॉर्ड कराना जरूरी होगा.
* अनुशासन अधिकारी द्वारा एक समय में 6 महीने से अधिक की अतिरिक्त समय सीमा नहीं दी जा सकती.
* दोषी अधिकारी को आरोपों पर अपनी बात कहने के लिए 30 दिन की समय सीमा तय की गई है और अनुशासन अधिकारी द्वारा और 30 दिन से अधिक इसे नहीं बढ़ाया जा सकता.
* किसी भी सूरत में 90 दिनों से अधिक का विस्तार नहीं दिया जा सकता.
* इसी तरह दोषी अधिकारी पर दंड लगाने के संबंध में यूपीएससी की सलाह पर राय जाहिर करने के लिये 15 दिनों का समय दिया गया है और ऐसे प्रतिनिधित्व की समय सीमा का विस्तार 45 दिनों से अधिक नहीं किया जा सकता.