478 गांवों में स्वच्छ भारत मिशन
रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अब तक 478 ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त ग्राम पंचायत का दर्जा मिल चुका है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेशवासियों से राज्य में दो अक्टूबर 2019 तक सभी दस हजार 971 ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त ग्राम पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए सक्रिय सहयोग का आह्वान किया है.
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य की सभी जिला पंचायतों को खुले में शौचमुक्त घोषित और प्रस्तावित ग्राम पंचायतों और गांवों में स्वच्छता पंजी रखने के निर्देश दिए हैं. इस रजिस्टर में अभियान से संबंधित सभी जनप्रतिनिधि और शासकीय अधिकारी तथा कर्मचारी निरीक्षण के दौरान अपनी टिप्पणी अंकित करेंगे. यह टिप्पणी सलाह के रूप में और तकनीकी कमियों को दूर करने तथा प्रशंसा के रूप में भी हो सकती है.
इस सिलसिले में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एम.के. राउत ने यहां मंत्रालय से प्रदेश की सभी 27 जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को परिपत्र जारी किया है.
उन्होंने परिपत्र में लिखा है कि राज्य में अब तक 478 ग्राम पंचायतें खुले में शौचमुक्त हो चुकी हैं, लेकिन खुले में शौचमुक्त होने का आशय यह है कि संबंधित ग्राम पंचायत या गांव में प्रत्येक परिवार के पास स्वयं का स्वच्छ शौचालय हो, परिवार के सभी सदस्य नियमित रूप से उसका उपयोग करते हों, गांव की गलियों और सड़कों सहित सभी मकान हमेशा साफ-सुथरे हों और गंदे पानी की निकासी तथा ठोस कचरे के निराकरण की भी उचित व्यवस्था हो.
राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि खुले में शौचमुक्त घोषित और प्रस्तावित सभी ग्राम पंचायतों और गांवों में स्वच्छता पंजी रखी जाए, जिसमें जनप्रतिनिधि और शासकीय अधिकारी-कर्मचारी निरीक्षण के समय टीप लिखेंगे.
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग का तकनीकी अमला विशेष रूप से ग्राम पंचायत क्षेत्रों में निमार्णाधीन सभी शौचालयों का निरीक्षण कर गुणवत्ता संबंधी अलग-अलग टीप भी इस रजिस्टर में दर्ज करेंगे. जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को परिपत्र में निर्देश दिए गए हैं कि वे पंचायतों के दौरे मे समय इन निदेशरें के पालन की समीक्षा करें और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के समस्त इंजीनियरों तथा महात्मा गांधी नरेगा में कार्यरत समस्त तकनीकी सहायकों को भी इसकी जानकारी दें.