छत्तीसगढ़: अधीक्षिका का कहर
बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मस्तूरी के आदिवासी छात्रावास की सभी छात्रायें रविवार को अपनी अधीक्षिका के कहर से बचने के लिये छात्रावास छोड़कर चली गई. इसकी जानकारी मिलने पर मस्तूरी एसडीएम टेकचंद अग्रवाल ने छात्रावास पहुंच कर मामले की जानकारी ली तथा छात्राओं को आश्वस्त किया उसके बाद आदिवासी छात्रायें सोमवार को लौटने के लिये राजी हो गई है.
छात्राओं को प्रताड़ित करने के आरोप में मस्तूरी प्री-मेट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास की अधीक्षिका नयन तिवारी को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि जब से नयन तिवारी अधीक्षिका बनकर आई है छात्राओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्हें भोजन में दाल तक नहीं दिया जाता तथा खाना घटिया स्तर का दिया जाता है. तंग आकर उन्होंने पिछले गुरुवार को मस्तूरी एसडीएम टेकचंद अग्रवाल से मामले की शिकायत की थी.
एसडीएम ने रसोई की जांच की तो मौके पर चावल व सब्जी गुणवत्ताहीन पाये गए. इस पर एसडीएम अग्रवाल ने अधीक्षिका को फटकार लगाते हुये डेली पंजी की जांच की जिसमें चावल, सब्जी के अलावा 4 किलो दाल भी रोज के खाने में दर्शाया गया था. जबकि छात्राओं ने बताया की उन्हें पिछले दो महीनों से खाने में दाल नहीं दी गई है. इस पर एसडीएम ने अधीक्षिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
रविवार सुबह इससे कुपित अधीक्षिका ने छात्राओं को बुलाकर धमकाया तथा पुलिस से गिरफ्तार करवाने की धमकी दी. जिससे डरकर सभी छात्राओं ने रविवार को छात्रावास खाली कर दिया.
बिलासपुर के कलेक्टर अन्बलगन पी. ने आदिवासी विभाग को जांच दल भेजकर पूरे मामले की रिपोर्ट देने कहा गया है. उनकी रिपोर्ट के बाद ही अधीक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.