छत्तीसगढ़

विधानसभा अध्यक्ष को बड़ा झटका

नई दिल्ली | संवाददाता: सर्वोच्य न्यायालय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को बड़ा झटका दिया है. सर्वोच्य न्यायालय ने सुनवाई के बाद निर्देश दिया है कि उनके पारिवारिक ट्रस्ट के कब्जे की जमीन को मुक्त कराया जाये. न्यायालय ने संबंधित निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा शासकीय भूमि पर मंदिर, 19 दुकानें, सत्संग भवन बनाने और बगीचा बनाने के मामले में सुनवाई करते हुये यह निर्णय दिया है.

उल्लेखनीय है कि रायपुर के पास महादेव घाट में मंदिर तथा दुकाने बनी हुई हैं.

गौरतलब है कि इस ज़मीन को लेकर 2012 में लोक आयोग को शिकायत की गई थी कि 404 हेक्टेयर सरकारी ज़मीन पर कब्जा कर के उस पर कई निर्माण किये गये हैं.

इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने जांच की थी और इसी साल 7 जून को सरकार को रिपोर्ट दी थी. जिसके बाद कलेक्टर ने पूरी संपत्ति को राजसात करने के निर्देश दिये थे.

हालांकि आज तक कलेक्टर उसे राजसात नहीं कर पाये हैं.

इस मामलें में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में वकील सुदीप अग्रवाल ने भी याचिका लगाई थी.

इस मामले के उजागर होने के बाद कांग्रेसी नेता कई बार उचित कार्रवाई की मांग कर चुके हैं और सियासी तौर पर भी यह मामला कई बार गरमा चुका है.

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