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स्कूली पढ़ाई में पिछड़ता छत्तीसगढ़

रायपुर । संवाददाता: छत्तीसगढ़ स्कूली शिक्षा में अन्य राज्यों से पिछड़ा हुआ राज्य है.हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा जारी नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2018 से यह राज सामने आया है.

छत्तीसगढ़ में हायर सेकेंडरी की शिक्षा तक मात्र 56.16 फीसदी छात्र ही पहुंच पाते हैं जबकि प्राइमरी में 100.02 फीसदी बच्चे प्रवेश लेते हैं. यह आंकड़ा साल 2015-16 का है. यूं तो जनगणना 2011 के अनुसार छत्तीसगढ़ में साक्षरता दर 70.3 फीसदी है लेकिन यदि हायर सेकेंडरी तक आधे से कुछ ही ज्यादा छात्र-छात्रायें पहुंच पाते हैं तो यह एक चिंतनीय विषय है.

स्कूल से दूर होते छात्र

प्राइमरी स्कूल में 100.17 फीसदी लड़के तथा 99.87 फीसदी लड़कियां प्रवेश लेती हैं. इस तरह के कुल 100.02 फीसदी प्राइमरी में दाखिला लेते हैं.

राष्ट्रीय औसत 99.21 फीसदी का है. अपर प्राइमरी में यह आकड़ा लड़कों के लिये 101.62 फीसदी तथा लड़कियों के लिये 103.08 फीसदी याने कुल 102.33 फीसदी का है. यह राष्ट्रीय औसत 92.81 फीसदी से ज्यादा है.

इसके बाद सेकेंडरी स्कूल में 89.44 फीसदी लड़के तथा 94.48 फीसदी लड़किया दाखिला लेती हैं. कुल 91.93 फीसदी छात्र-छात्रायें सेकेंडरी स्कूल के स्तर तक पहुंचते हैं. यह भी राष्ट्रीय औसत 80.01 फीसदी से ज्यादा है.

लेकिन हायर सेकेंडरी में पहुंचकर मात्र 53.89 फीसदी छात्र तथा 54.11 फीसदी छात्रायें, कुलमिलाकर 54 फीसदी ही दाखिला लेते हैं.

यह राष्ट्रीय औसत 56.16 फीसदी से कम है. इस तरह से सेकेंडरी स्कूल के 37.93 फीसदी बच्चें हायर सेकेंडरी स्कूल में दाखिला नहीं लेते हैं. विकास के दावों के बीच यह गिरावट भयावह है.

शिक्षा पर खर्च में अग्रणी राज्य

गौरतलब है कि साल 2015-16 में छत्तीसगढ़ ने अपने शिक्षा पर बजटीय आवंटन 19.4 फीसदी का था. साल 2000-01 में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा पर 13.1 फीसदी खर्च किये थे.

इसके बाद साल 2001-02, 2002-03, 2003-04 तथा 2004-05 में शिक्षा पर बजटीय आवंटन कम होता गया. लेकिन इसके बाद से शिक्षा पर खर्च लगातार बढ़ता गया.

साल 2014-15 में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाला राज्य बन गया.

साल 2015-16 में भी छत्तीसगढ़ ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा शिक्षा पर खर्च किया था. जबकि राष्ट्रीय औसत 16.4 फीसदी का था.

सवाल

शिक्षा पर खर्च करने में अग्रणी राज्य होने के बावजूद यदि सेकेंडरी से हायर सेकेंडरी के बीच 37.93 फीसदी छात्र-छात्रायें गायब हो जाते हैं तो मानना पड़ेगा कि शिक्षा पर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

बेशक, हायर सेकेंडरी में दाखिला लेने का राष्ट्रीय औसत 56.16 फीसदी है लेकिन छत्तीसगढ़ से कंम खर्च करने के बावजूद ऐसे कई राज्य हैं जहां हायर सेकेंडरी स्कूल में दाखिले की दर छत्तीसगढ़ से ज्यादा है.

नेशनल हेल्थ प्रोफाईल 2018 के ही अनुसार हिमाचल प्रदेश में यह आकड़ा 95.53 फीसदी, चंडीगढ़ में 83.28 फीसदी, तमिलनाडु में 82.03 फीसदी, दिल्ली में 77.80 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 81.54 फीसदी, केरल में 77.56 फीसदी, पंजाब में 70.19 फीसदी, महाराष्ट्र में 67.81 फीसदी तथा तेलंगाना में 61.32 फीसदी है.

उपरोक्त आंकड़ों से जाहिर है कि शिक्षा पर केवल ज्यादा खर्च करने से ही शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ जाता है. छत्तीसगढ़ को स्कूली शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है अन्यथा आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों की तुलना में हायर सेकेंडरी तथा स्नातक शिक्षा प्राप्त छात्र-छात्राओं की संख्या कम होने लगेगी.

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