CG-PMT परीक्षा नहीं होगी- SC
नई दिल्ली | संवाददाता: सर्वोच्य न्यायालय के निर्णय के अनुसार सीजी-पीएमटी परीक्षा नहीं हो सकती है. छत्तीसगढ़ के छात्रों को मेडिकल तथा डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिये ‘नीट’ की परीक्षा ही देनी होगी. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ‘नीट’ के पक्ष में नहीं थी तथा इसी कारण से छत्तीसगड़ के स्वास्त्य विभाग ने सर्वोच्य न्यायालय में आवेदन किया था.
सोमवार को आये सर्वोच्य न्यायालय के फैसले के बाद तमाम कयासों पर लगाम लग गई है. अब छत्तीसगढ़ के छात्रों को ‘नीट’ की परीक्षा देनी ही होगी.
छत्तीसगढ़ सरकार की दलील थी कि ‘नीट’ सीबीएसई पाठ्यक्रम पर आधारित है, जबकि पीएमटी सीजी बोर्ड पर, दोनों परीक्षा के पाठ्यक्रम में बड़ा अंतर है. छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है और छात्रों ने पीएमटी के हिसाब से तैयारी की है. इतने कम समय में ‘नीट’ की तैयारी करना संभव नहीं है, इसलिए पीएमटी ही होना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि 28 मई को सर्वोच्य न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने देश भर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस और परास्नातक कोर्स में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा इसी वर्ष से आयोजित करने का आदेश दिया था.
देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए चालू शैक्षणिक सत्र 2016-17 से ही संयुक्त प्रवेश परीक्षा होगी. सुप्रीम कोर्ट ने तमाम आपत्तियों को दरकिनार करते हुए इसी साल से नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट, NEET के आयोजन को हरी झंडी दे दी है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित यह परीक्षा दो चरणों में होगी.
1 मई को होने वाले एआईपीएमटी को पहला चरण माना जाएगा, जबकि दूसरे चरण का आयोजन 24 जुलाई को होगा. जो छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं, उनके पास दूसरे चरण में मौका होगा. संयुक्त प्रवेश परीक्षा में करीब आठ लाख अभ्यर्थियों के बैठने की उम्मीद है.
पीठ ने परीक्षा के प्रस्तावित कार्यक्रम को स्वीकार कर लिया है. दूसरे चरण की परीक्षा के लिए नए सिरे से आवेदन मंगाए जाएंगे. 17 अगस्त तक परीक्षा के नतीजे घोषित हो जाएंगे और इसके बाद 45 दिनों के भीतर काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. 30 सितंबर तक परीक्षा की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
इससे पहले केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने पीठ से कहा कि इस वर्ष भी NEET आयोजित करना संभव है.
पीठ ने परीक्षा के आयोजन के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, संस्थानों और पुलिस को सीबीएसई की मदद करने को कहा था.