सावन में सज गया मेहंदी का बाजार
रायपुर | एजेंसी: मान्यता है कि जिसके हाथ की मेहंदी जितनी रंग लाती है, उसे उतना ही अपने पति और ससुराल का प्रेम मिलता है. सावन में मेहंदी की सोंधी खुशबू से घर-आंगन तो महकता ही है, महिलाओं की सुंदरता में भी चार चांद लग जाते हैं. इसलिए कहा भी गया है, मेहंदी बिन नारी का सौंदर्य अधूरा.
सावन में छत्तीसगढ़ का कोई भी ऐसा मार्केट कांप्लेक्स नहीं होता, जहां मेहंदी वाले नहीं होते. इन मेहंदी लगाने वाले डिजाइन के अनुसार अपनी-अपनी दरें रखते हैं. इन दिनों महिलाएं 50 रुपये से लेकर 400 रुपये तक मेहंदी रचा रही हैं.
रायपुर के एक कांप्लेक्स में मेहंदी लगवाने आईं सोनाक्षी कहती हैं कि लड़कियां भी सावन में मेहंदी लगवाने में पीछे नहीं रहतीं. वह कहती हैं, “लड़कियां बेल डिजाइन, अरेबिक, बैंगल डिजाइन, चूड़ी डिजाइन ज्यादा पसंद कर रही हैं, जबकि विवाहिताएं राजस्थानी और दुल्हन डिजाइन पसंद कर रही हैं.”
एक और महिला अनामिका कहती हैं कि पंडितों का कहना है किसावन में हाथ सूना नहीं रखना चाहिए, यही कारण है कि वह सावन में मेहंदी लगाना नहीं भूलतीं. वह मानती हैं कि इधर कुछ वर्षो से इसका चलन काफी बढ़ गया है.
बहरहाल, सावन के महीने में जहां महिलाएं अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए मेहंदी रचा रही हैं, वहीं मेहंदी लगाने वाले भी अपनी कमाई बढ़ने से खूब खुश हैं.