छत्तीसगढ़: नक्सल पुनर्वास पैकेज घोषित
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के शांतिपूर्ण और सदभावनापूर्ण समाधान के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने महत्वपूर्ण पुनर्वास पैकेजों की घोषणा की है. ये पुनर्वास पैकेज नक्सल हिंसा पीड़ित परिवारों और आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए घोषित किए गए हैं.
आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास में यह सिंद्धात रहेगा कि वे हिंसक गतिविधि छोड़कर मुख्य धारा में शामिल होकर राज्य में शांति स्थापना के लिए कार्य करेंगे, जिसका अनुसरण अन्य नक्सलियों द्वारा किया जा सकता है.
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को उस पर घोषित इनाम की राशि दे दी जायेगी. इसी के साथ आत्मसमर्पण के समय हथियार जमा करने पर भी अलग से अनुग्रह राशि दी जायेगी.
जो इस प्रकार होगी- एलएमजी के लिए चार लाख 50 हजार रूपए, एके-47 के लिए तीन लाख रूपए, एसएलआर रायफल के लिए एक लाख 50 हजार रूपए, 303 रायफल के लिए 75 हजार रूपए, बारह-बोर बन्दुक के लिए तीस हजार रूपए, 2-इंच मोर्टार के लिए दो लाख 50 हजार रूपए, सिंगल शॉर्टगन के लिए तीस हजार रूपए, 9 एम.एम कार्बाइन के लिए बीस हजार रूपए, पिस्टल/रिवाल्वर के लिए बीस हजार रूपए.
इसके अलावा वायरलेस सेट के लिए पांच हजार रूपए, रिमोट डिवाइस के लिए तीन हजार रूपए, आईईडी के लिए तीन हजार रूपए, विस्फोटक पदार्थ के लिए एक हजार रूपए प्रतिकिलो, ग्रेनेड/जिलेटिनराइडस के लिए पांच सौ रूपए और सभी प्रकार के लिए एम्यूनिशन के लिए पांच रूपए प्रति एम्यूनिशन के हिसाब से अनुग्रह राशि स्वीकृत की जा सकेगी.
नक्सली अगर बिना शस्त्र के समर्पण करता है, तो उसे प्रोत्साहन स्वरूप दस हजार रूपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी.
अगर अगर आत्मसमर्पित नक्सली शिक्षित है और शिक्षा कर्मचारी नियुक्त होने की पात्रता रखता हो, तो ऐसे मामलों में उसकी नियुक्ति उसी पद्धति से की जाएगी, जैसे विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार, अबूझमाड़िया तथा बिरहोर के प्रकरणों में की जाती है.
आत्मसमर्पण के बाद उन्हें अपने परिवार को रखने के लिए अटल आवास योजना अथवा राज्य सरकार की अन्य किसी आवासीय योजना के तहत पुलिस अधीक्षकों द्वारा चयनित स्थान पर 60 दिन के भीतर कम से कम एक बी-एच. के मकान बनवाकर दिया जाएगा.