छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: शिक्षक ने कराया बाल श्रम!

रतनपुर | उस्मान कुरैशी: छत्तीसगढ़ में स्कूल के शिक्षक को बाल श्रम करवाते पाया गया है. उल्लेखनीय है कि इस बाल श्रम के लिये कोई मजदूरी नहीं दी गई है इसलिये इसे बेगारी करवाना भी कहा जा सकता है. सबसे हैरत की बात है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर के एक शिक्षक ने पढ़ाई के समय स्कूल के बच्चों से बेगारी कराई. उससे भी हैरत की बात है कि इस पर न तो शिक्षा विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है न तो प्रशासन. पढ़ने गए बच्चों को स्कूल के शिक्षक ने मजदूरी करने भेज दी. इस मामले की शिकायत के बाद भी कोटा एसडीएम डा. फरिहा आलम सिद्दीकी ने कोई काईवाई नही की और ना ही जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई के लिए कोई पहल की है. मामला बिलासपुर जिले में कोटा ब्लाक के ग्राम पंचायत लालपुर के मिडिल स्कूल का है.

समीप के गांव लालपुर के मिडिल स्कूल में बीते शनिवार की सुबह बच्चे पढ़ने गए थे. इसी दौरान इस स्कूल में पदस्थ शिक्षक गुलाब साहू ने मध्यान्ह भोजन के बाद यहां के करीब 40 बच्चों को अपने परिचित संजय पांडेय के फार्म हाउस के खेतों में धान की ढुलाई करने के काम पर भेज दिया.

कक्षा सातवीं की छात्रा संध्या कहती है कि स्कूल के शिक्षक ने करीब साढ़े 12 बजे दूसरे बच्चों के साथ उसे पांडे के प्लाट में धान के करपों के ढुलाई के काम पर लगा दिया. सातवीं के ही छात्र सत्येन्द्र सिह राजपूत कहते है कि इससे पहले इन्ही खेतों में गुरूजी ने इनसे रोपा लगाने का काम भी लिया था. आज धान के काटकर रखी फसलों के ढ़ुलाई करने के लिए गुरूजी ने भेजा है.

लालपुर के ही निवासी गोविंदा सिंह राजपूत कहते है कि करीब साढ़े 12 बजे शिक्षक यहां बच्चों को काम कराने लेकर आए है. इसकी सूचना बच्चों के माता पिता को भी नहीं है. वे कहते है कि रिंकी के पिता से उन्होने बच्चों के बारे में पूछा तो उसने स्कूल जाने की बात कही. मेरे बताये जाने पर उसे जानकारी हुई की उनकी लाड़ली संजय पांडेय के खेतों में धान की ढ़ुलाई कर रही है. इसी तरह इसी स्कूल की छात्रा मीनाक्षी की मां को भी उसकी बेटी के खेतों में काम करने की जानकारी नहीं थी.

वहीं इस मामले में फार्म हाउस के मालिक संजय पांडेय से बात की गई तो उन्होने बच्चों से काम कराने की जानकारी होने से इंकार किया. जबकि वह वहीं मौके पर मौजूद थे.

कोटा ब्लाक अंतर्गत लालपुर पंचायत के मिडिल स्कूल के बच्चों को शिक्षक द्वारा खेतों पर मजदूरों की तरह काम करवाया जा रहा है. शिक्षकों की इस गंभीर लापरवाही की जानकारी कोटा एसडीएम डा. फरिहा आलम सिद्दीकी को मोबाईल पर दी तो उन्होने तहसीलदार को भेजने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. मौके पर न तो तहसीलदार पहुंचे और ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी . लोगों ने घटना की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को भी उनके मोबाईल नंबर 98267 49880 पर दी पर उन्होने भी मामले की जांच कराने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. मौके पर न तो प्रशासन के कोई अधिकारी पहुंचें और ना ही षिक्षा विभाग का कोई अफसर जांच के लिए मौके पर पहुंचे.

बहरहाल, बच्चो को एक शिक्षक के द्वारा खेतों में काम कराने की घटना के 48 घंटे गुजर जाने के बाद भी अभी तक कोई भी अघिकारी इस मामले मे जाच करने स्कुल नहीं पहुंचे.

इस मामले की जानकारी लेने हमने जब कोटा एसडीएम डा. फरिहा आलम सिद्दीकी के मोबाईल नंबर 94255 30136 पर काल किया गया पर उन्होने काल रिसीव नही किया.

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