रायपुर

छत्तीसगढ़: ‘फेसबुक’ पर रमन के जवाब

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शनिवार सुबह अपने निवास कार्यालय में ‘फेसबुक’ पर जनता के सवालों के जवाब दिए. सोशल मीडिया पर उनके साथ नागरिकों के सवाल-जवाब का यह पहला कार्यक्रम राज्य सरकार की कौशल उन्नयन योजना पर केंद्रित रहा. कैलिफोर्निया में रहने वाले छत्तीसगढ़ के कवर्धा निवासी आशीष पाण्डेय ने फेसबुक पर मुख्यमंत्री से कहा, “हमारे राज्य छत्तीसगढ़ में ऐसे अनेक लोग हैं, जिनके पास बुनियादी शिक्षा तो नहीं है, लेकिन किसी न किसी कार्य का कौशल उनमें बहुत है. उनकी कला को शिक्षित व्यक्ति सीखे और बदले में उनको शिक्षा प्रदान करे, क्या ऐसा काम कौशल उन्नयन के माध्यम से हो सकता है?”

मुख्यमंत्री ने जवाब दिया, “छत्तीसगढ़ का कैलिफोर्निया को जय जोहार. आपके सुझाव के लिए हृदय से धन्यवाद. हमारे प्रधानमंत्री जी भी इस समय आपके राज्य में हैं और देश के कौशल उन्नयन के बारे में बात कर रहे होंगे. आपका सुझाव बेहद सराहनीय है. धन्यवाद.”

डॉ. रमन सिंह देश के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने जनता से जुड़ी योजनाओं पर जनता के सवालों का जवाब देने के लिए फेसबुक जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल शुरू किया है.

शनिवार को उन्होंने एक घंटे तक स्वयं फेसबुक पर प्राप्त सवालों के उत्तर दिए. इस दौरान जहां लगभग तीस हजार लोगों ने अपने-अपने फेसबुक पर इस कार्यक्रम को देखा, वहीं करीब 600 लोगों ने सवाल भेजे और कौशल उन्नयन के बारे में कई सुझाव भी दिए.

डॉ. सिंह ने एक घंटे में 70 सवालों का जवाब देने के साथ-साथ शेष प्रश्नकर्ताओं और सुझाव देने वालों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सभी प्रश्नकर्ताओं के सवालों और सुझावों को नोट किया गया है. उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक और एक ग्यारह होने की भावना के अनुरूप राज्य और केंद्र दोनों मिलकर कौशल उन्नयन के क्षेत्र में काम करेंगे.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज फेसबुक पर जनता के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर शुरू किए गए शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत एक लाख 32 हजार शिक्षकों को अध्यापन कार्य में कौशल बढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि चिकित्सा व्यवसाय से जुड़ने के इच्छुक युवाओं को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिलाने के लिए प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और प्राइवेट अस्पतालों को भी इस योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

पहला सवाल विशाल सोनी का था. उन्होंने पूछा था, “कहां-कहां खुलेगा कौशल विकास उन्नयन केंद्र?”

मुख्यमंत्री ने जवाब दिया, “राज्य के सभी 27 जिलों में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण राज्य में पंजीकृत वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर (व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता) द्वारा जाता है. किसी भी संस्था द्वारा वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर के रूप में पंजीयन कराने के लिए जिला कलेक्टर के कार्यालय या सीएसएसडीए कार्यालय बैरन बाजार, रायपुर से संपर्क किया जा सकता है.”

राज्य के बैगा आदिवासी बहुल कबीरधाम जिले के राकेश चंद्रवंशी ने मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ी में सुझाव दिया, “सुदूर वनांचल म रहिने वाला बैगा मनबर उनखर जरूरत के मुताबिक कृषि यंत्र के किट बांटें, तो ओमन अपन किसानी के काम ला कम समय म ज्यादा अच्छा ढंग से कर सकत हें. जेखर ले उंखर कौशल उन्नयन हो ही. ये काम होवत हे, पर येला वृहद रूप म करना जरूरी हे.”

मुख्यमंत्री ने जवाब दिया, “आपके सुझाव सुग्घर हे. जतका बैगा भाई मन ला पट्टा मिले हे, उनला सरकार के माध्यम से कृषि ऋण दिए जात हे. सबके जमीन के समतलीकरण कराए बर अऊ डोली बनाए बर मनरेगा म काम कराए के सुभिता हे अउ सिंचाई बर डीजल अउ बिजली पम्प बर कृषि विभाग म आवेदन करके मंजूरी मिल सकत हे. आपके सुझाव बर मोर गाड़ा-गाड़ा बधाई.”

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